राजग खेमें में भी प्रणब के पक्ष में बढ़ रही सहमति
प्रणब मुखर्जी के लिए रायसीना हिल्स का दरवाजा करीब आता जा रहा है, क्योकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन [राजग] के भी कुछ खेमे मे उनके पक्ष मे सहमति बनती दिख रही है।
नई दिल्ली। प्रणब मुखर्जी के लिए रायसीना हिल्स का दरवाजा करीब आता जा रहा है, क्योंकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन [राजग] के भी कुछ खेमे में उनके पक्ष में सहमति बनती दिख रही है।
यद्यपि भाजपा नेतृत्व वाले राजग को अभी मुखर्जी का समर्थन करने के लिए मन बनाना बाकी है, लेकिन राजग के प्रमुख घटक जदयू एवं कुछ हदतक शिरोमणि अकाली दल के खेमे से उनके समर्थन में सुर निकले है।
पटना में जदयू के नेता शिवानंद तिवारी ने संवाददाताओं के साथ बातचीत में मुखर्जी का समर्थन किया और कहा कि उन्हे देश का 13वां राष्ट्रपति बनाकर एक शानदार विदाई दी जानी चाहिए।
तिवारी ने कहा, प्रणब मुखर्जी जैसे वरिष्ठ और सम्मानित नेता, जो सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने जा रहे है, को सम्मानजनक विदाई देनी चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि यह उनकी निजी राय है।
तिवारी ने यह भी कहा कि मुखर्जी को सपा एवं बसपा का समर्थन है, और ऐसे में संप्रग का चुनावी आकड़ा 47.6 प्रतिशत हो जाएगा, लेकिन जदयू के अध्यक्ष शरद यादव ने नई दिल्ली में संवददाताओं से कहा कि राजग की रविवार को बैठक होगी और बैठक में राष्ट्रपति चुनाव के बारे में रुख तय किया जाएगा।
जदयू सूत्रों का कहना है कि राजग की बैठक में पार्टी के नेता, मुखर्जी का समर्थन करने के लिए दबाव बनाएंगे, जबकि भाजपा कहती रही है कि वह कांग्रेस के किसी उम्मीदवार का समर्थन नहीं करेगी।
भाजपा को यह निर्णय लेना है कि वह संगमा का समर्थन करे या नहीं, जो कि राकांपा के निर्देश का उल्लंघन कर मुखर्जी के खिलाफ लड़ने को तैयार है, या फिर बहुसंख्यक राजनीतिक राय की कद्र करते हुए प्रणब की उम्मीदवारी का समर्थन करे।
संगमा को ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम [एआईएडीएमके] एवं बीजद का समर्थन प्राप्त है। बीजद शनिवार को खुलकर संगमा के समर्थन में आ गया। राकांपा संप्रग का हिस्सा है और उसने मुखर्जी की उम्मीदवारी का समर्थन किया है।
बीजद संसदीय दल के नेता अर्जुन सेठी ने ओडिशा में संवाददाताओं से कहा, अभी तक राष्ट्रपति चुनाव को लेकर हमारे निर्णय में कोई बदलाव नहीं है। बीजद संगमा का समर्थन करने पर अडिग है।
इधर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा, मेरी पार्टी संगमा पर कोई निर्णय लेगी। वह एक वरिष्ठ व्यक्ति है। हम उन्हे पीछे हटने के लिए समझाएंगे। राकांपा अगले गुरुवार को इस मुद्दे पर बैठक करने वाली है।
भाजपा पहले पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के पक्ष में थी। लेकिन तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी द्वारा समर्थन दिए जाने के बावजूद संभवत: वह चुनाव नहीं लड़ेगे।
बीजद [3.3 प्रतिशत] और एआईएडीएमके [2.8 प्रतिशत] को मिलाकर कुल 6.1 प्रतिशत वोट तैयार होता है। यदि राजग संगमा को समर्थन देता है तो कुल मत 33.8 प्रतिशत हो जाएगा।
यदि संगमा राष्ट्रपति चुनाव लड़ते भी है तो भी मुखर्जी अपने पक्ष में आए कुल 48 प्रतिशत वोटों के साथ चुनाव जीत जाएंगे।
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