राहुल बोले, मुझे शर्मिंदगी है कि आज भी हमारे यहां ऐसा होता है..
उन्होंने कांग्रेस की ओर से पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये की मदद देने की घोषणा की और उन्हें न्याय दिलाने की बात कही।
राज्य ब्यूरो, समढियाला (ऊना)। मुझे शर्मिंदगी है कि आज भी हमारे यहां ऐसा होता है.. यह कहना था कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का। वह गुरुवार को गुजरात के ऊना में पीड़ित दलित समुदाय के लोगों से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने कांग्रेस की ओर से पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये की मदद देने की घोषणा की और उन्हें न्याय दिलाने की बात कही।
कांग्रेस उपाध्यक्ष जब ऊना तहसील के मोटा समढियाला के हरिजनवास पहुंचे तो यहां बड़ी संख्या में दलित समुदाय के महिला-पुरुष मौजूद थे। राहुल यहां पीड़ित बालूभाई सरवैया के घर पहुंचे और उनसे पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। बालूभाई ने उन्हें सिर में लगी चोट दिखाई और शर्ट उतारकर चोट के निशाने भी दिखाए।राहुल गांधी के साथ पार्टी महासचिव और गुजरात प्रभारी गुरुदास कामत, प्रदेश अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी, पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया आदि भी थे।
राहुल समेत सभी नेताओं ने पीड़ित की पत्नी कुंवरीबेन के हाथ से बनी चाय पी। कांग्रेस नेता करीब आधे घंटे तक यहां रुके। राहुल ने पीड़ित बालूभाई सरवैया के राजकोट अस्पताल में भर्ती पुत्र मेसराम और रमेश आदि पीड़ितों से भी मुलाकात की।बालूभाई के भतीजे जीतू सरवैया ने राहुल को बताया कि मृत पशुओं को उठाना उनके समुदाय की मजबूरी है, गांव की गंदगी साफ करके वे समाज की सेवा ही कर रहे हैं। इसके बावजूद उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है। जीतू इस गांव में दलित समुदाय का अकेला छात्र है जो इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है।
जीतू ने कहा कि आरोपियों को ऐसी सजा हो कि दोबारा दलित समुदाय के साथ कोई ऐसी हरकत न करे।हरिजनवास के अधिकांश युवा स्कूल छोड़कर किशोरावस्था से ही इस काम से जुड़ गए हैं। गांव में आज से पहले इस तरह की कोई घटना नहीं हुई। बताया जा रहा है कि स्थानीय सरपंच प्रफुल्ल भाई कोराट ने आपसी रंजिश के चलते फोन करके कथित गोरक्षकों को बताया था कि कुछ युवक गायों को मारकर गोमांस का व्यापार कर रहे हैं। जिसके बाद गोरक्षकों ने इस घटना को अंजाम दिया।कांग्रेस नेताओं से पहले एनसीपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल भी यहां पहुंचे और उन्होंने भी पीड़ितों से घटना की जानकारी ली।