कौन थे बलराम जाखड़, जानिए उनसे जुड़ी कुछ खास बातें
बलराम जाखड भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता थे। आज 3 फरवरी 2016 को उन्होंने दिल्ली में अपने आवास पर अंतिम सांस ली। वो मध्यप्रदेश के राज्यपाल भी रहे। उनका जन्म पंजाब में 23 अगस्त 1923 फिरोजपुर जिले के पंचकोसी गांव में हुआ। बलराम जाखड़ 1980 से दस साल
नई दिल्ली। बलराम जाखड भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता थे। आज 3 फरवरी 2016 को उन्होंने दिल्ली में अपने आवास पर अंतिम सांस ली। वो मध्यप्रदेश के राज्यपाल भी रहे। उनका जन्म पंजाब में 23 अगस्त 1923 फिरोजपुर जिले के पंचकोसी गांव में हुआ। बलराम जाखड़ 1980 से दस साल तक लोकसभा अध्यक्ष के पद पर भी रहे।
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बलराम जाखड़ का जीवन परिचय
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ का जन्म 23 अगस्त, 1923 को तत्कालीन पंजाब के फिरोजपुर जिले के पंचकोसी ग्राम में हुआ था। जाखड़ वंश के जाट परिवार में जन्में बलराम जाखड़ ने फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज, लाहौर से संस्कृत में डिग्री प्राप्त की।
इसके अलावा उन्हें अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू और पंजाबी भाषा का भी अच्छा ज्ञान था। बलराम जाखड़ के बड़े बेटे सज्जन कुमार जाखड़ पंजाब के पूर्व मंत्री हैं। उनकी साफ और निष्पक्ष छवि के कारण विरोधी दल के लोग भी सज्जन कुमार जाखड़ का सम्मान करते थे। बलराम जाखड़ के पुत्र चौधरी सुनील जाखड़ अबोहर जिला, जो बलराम जाखड़ के गृहनगर पंचकोसी की उप तहसील है, में एक सक्रिय राजनेता हैं। उनके एक अन्य पुत्र सुरिंदर कुमार जाखड़ की गोली लगने से 17 जनवरी 2011 को फिरोजपुर में मृत्यु हो गयी थी।
बलराम जाखड़ का राजनैतिक जीवन
वर्ष 1972 में विधानसभा में चयनित होने के साथ बलराम जाखड़ के राजनैतिक जीवन की शुरूआत हुई थी। 1977 में दोबारा जीत दर्ज करने के बाद उन्हें नेता विपक्ष का पद प्रदान किया गया। फिरोजपुर निर्वाचन क्षेत्र से वर्ष 1980 में सातवीं लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद बलराम जाखड़ को लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया। अगली बार आठवीं लोकसभा चुनावों में भी वह सीकर निर्वाचन क्षेत्र से विजयी हुए थे। वह 1980-1989 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे।
स्पीकर पद पर रहते हुए बलराम जाखड़ ने संसदीय कार्यों को कंप्यूटरीकृत और स्वचालित बनाने में विशेष योगदान दिया। बलराम जाखड़ ने संसदीय लाइब्रेरी, अध्ययन, संदर्भ आदि को प्रचारित करने जैसा प्रभावकारी कदम उठाया ताकि सांसदों के संसद संबंधी ज्ञानकोष को बढ़ावा दिया जा सके। इसके अलावा संसद अजायबघर की स्थापना भी बलराम जाखड़ का ही मुख्य योगदान रहा।
बलराम जाखड़ एशियाई मूल के पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें राष्ट्रमंडल सांसद कार्यकारी फोरम के सभापति के रूप में चयनित किया गया। वर्ष 1991 में बलराम जाखड़ केन्द्रीय कृषि मंत्री भी बनाए गए थे। इसके अलावा वह 30 जून, 2004 से 30 मई, 2009 तक मध्य प्रदेश के राज्यपाल के रूप में भी एक सफल कार्यकाल पूरा किया था।
बलराम जाखड़ को दिए गए सम्मान
वर्ष 1975 में बागवानी की प्रक्रिया को सशक्त बनाने के कारण भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति ने बलराम जाखड़ को उद्यान पंडित की उपाधि से नवाजा गया था।कृषि और बागवानी में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए बलराम जाखड़ को हिसार के हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने डॉक्टर ऑफ साइंस और गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार ने विद्या मार्तंड की पदवी प्रदान की गई थी।
बलराम जाखड़ भारत कृषक समाज के आजीवन अध्यक्ष और जलियांवाला बाग मेमोरियल ट्रस्ट प्रबंधन समिति के अध्यक्ष भी रहे। पेशे से कृषक और बागवानी करने के शौकीन बलराम जाखड़ पीपुल, पार्लियामेंट और एडमिनिस्ट्रेशन नामक एक किताब भी लिख चुके हैं। उत्पादन प्रकिया को और अधिक सहज और प्रभावकारी बनाने के लिए बलराम जाखड़ हमेशा वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाने के लिए हमेशा याद रखा जायेगा।