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नाकामी के लिए राज्यपाल को घेरने में जुटी कांग्रेस, राज्यसभा में की बहस की मांग

वहीं सरकार का कहना था कि अपना घर संभालने में नाकाम रही कांग्रेस राज्यपाल को अनावश्यक विवाद में घसीट रही है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Mon, 20 Mar 2017 08:03 PM (IST)Updated: Mon, 20 Mar 2017 08:14 PM (IST)
नाकामी के लिए राज्यपाल को घेरने में जुटी कांग्रेस, राज्यसभा में की बहस की मांग
नाकामी के लिए राज्यपाल को घेरने में जुटी कांग्रेस, राज्यसभा में की बहस की मांग

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । गोवा में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सरकार बनाने में नाकाम रही कांग्रेस ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा की भूमिका पर सवाल उठाया है। राज्यपाल की भूमिका पर संसद में चर्चा को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच राज्यसभा में खूब गरमागरमी हुई। विपक्ष ने गोवा में राज्यपाल के कदम को लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए सदन में इस मुद्दे पर बहस कराने पर जोर दिया। वहीं सरकार का कहना था कि अपना घर संभालने में नाकाम रही कांग्रेस राज्यपाल को अनावश्यक विवाद में घसीट रही है।

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राज्यसभा में शून्यकाल शुरू होते ही कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने नियम 168 के तहत सदन में राज्यपाल के आचरण पर चर्चा कराने के अपने प्रस्ताव पर बहस की मांग की। उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा कि उनके नोटिस पर चर्चा कैसे हो, इसका फैसला सभापति करेंगे और तभी बहस होगी। इससे नाराज दिग्विजय ने कहा कि चर्चा में विलंब से गोवा में जो कुछ गलत हुआ है वह ठंडा पड़ जाएगा। राज्यपाल ने भाजपा को सरकार बनाने का मौका देने के लिए सारे-नियम कायदों की अनदेखी की है। उनका कहना था कि राज्यपाल ने केंद्र-राज्य संबंधों पर सरकारिया आयोग की सिफारिशों को भी अनदेखा किया है, जिसमें सबसे बड़ी पार्टी के इन्कार के बाद ही दूसरे बड़े दल को मौका देने की बात कही गई है।

दिग्विजय सिंह ने इसका हवाला देते हुए गोवा में लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने पार्टी कार्यकर्ता के रूप में काम किया है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद समेत सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इसका विरोध करते हुए इस टिप्पणी को रिकार्ड से निकालने की मांग की। रविशंकर ने पलटवार करते हुए कहा कि बेहतर होगा कि यहां हंगामा करने के बजाय कांग्रेस अपने घर की समस्याओं को दुरुस्त करे। सत्तापक्ष की इस टिप्पणी पर कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दल भी भड़क गए।

नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद और जदयू नेता शरद यादव ने रविशंकर की राय को खारिज करते हुए राज्यपाल के कदमों की उचित नियमों के तहत जल्द चर्चा शुरू करने की मांग की। इस मुद्दे पर कांग्रेस के आनंद शर्मा और संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी एक-दूसरे पर तल्ख टिप्पणियां कीं। सभापति से जल्द बहस का समय तय करने के कुरियन के आश्वासन के बाद ही मामला ठंडा हुआ।


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