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'पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करने को बुलाएं संसद का विशेष सत्र'

पाकिस्तान को आतंकवादी राष्ट्र घोषित करने के लिये कांग्रेस ने संसद के विशेष सत्र बुलाने की मांग की।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Mon, 26 Sep 2016 08:17 PM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2016 08:51 PM (IST)
'पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करने को बुलाएं संसद का विशेष सत्र'

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: उड़ी हमले पर सख्त जवाबी कार्रवाई की वकालत कर रही कांग्रेस ने अब पाकिस्तान को आतंकवादी राष्ट्र घोषित करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। पार्टी ने पाकिस्तान को दिए गए मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा छीनते हुए इस्लामाबाद के साथ राजनयिक संबंध का दर्जा घटाने की भी मांग की है। साथ ही राजनयिक शरण मांग रहे बलूच नेता बरहमदाग बुग्ती के आवेदन पर भी सरकार से तत्काल फैसला करने को कहा है।

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पाक के खिलाफ सरकार के कदमों पर असंतोष जाहिर करते हुए कांग्रेस ने यह भी कहा कि अब तक केवल जुमलों से ही जवाब दिया गया है। सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस दिशा में हम पहला सख्त कदम पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र घोषित कर उठा सकते हैं। इसके लिए संसद का एक-दो दिन का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। संसद देश की भावना का प्रतीक है और दुनिया में इसका एक सख्त संदेश जाएगा। पाक की गर्दन दबोचने के लिए उस पर जहां तक संभव हो, भारत को अपनी तरफ से आर्थिक प्रतिबंध लगाने चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि सरकार पाक को दिए एमएफएन के दर्जे को तत्काल वापस ले। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की करतूतों को दुनिया के सामने लाने के लिए हमें पहले ऐसे कदम उठाने होंगे ताकि सख्त संदेश जाए।

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सिंघवी ने कहा कि उड़ी हमले के नौ दिन बीत जाने के बाद भी सरकार ने न सख्त जवाब दिया है और न ही इस हमले के लिए प्रशासनिक-राजनीतिक तौर पर जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय की गई है। सरकार के जुमलों के जरिए दिए जवाब से दुनिया भर में भारत मजाक का पात्र बन रहा है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा और रणनीतिक स्थिति गंभीर है। लेकिन देश के आक्रोश और उड़ी में जवानों की शहादत को लेकर सरकार में सन्नाटा है।

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सिंघवी ने कहा कि तत्काल कुछ नहीं तो नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान के दूतावास के राजनयिकों की संख्या घटाते हुए इसका दर्जा कम किया जाए और इस्लामाबाद भारतीय मिशन का स्तर घटाया जाना जरूरी है। सिंघवी ने यह भी कहा कि बलूच नेता बुग्ती के शरण मांगने के आवेदन को लंबित रखना सरकार के दोहरे रुख को दर्शाता है। बुग्ती को शरण देना है या नहीं, जो भी हो, सरकार इस पर तत्काल फैसला ले।


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