कांग्रेस ने बीएचयू के कुलपति की बर्खास्तगी के साथ न्यायिक जांच की मांग उठाई
बीएचयू की आंदोलनरत छात्राओं के समर्थन में उतरी कांग्रेस ने पार्टी मुख्यालय में विशेष प्रेस कांफ्रेंस कर निशाना साधा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने छेड़खानी के विरोध में उतरीं बनारस हिंदू विश्वद्यिालय की छात्राओं पर पुलिस के बर्बर लाठीचार्ज को लेकर योगी सरकार के साथ ही केंद्र सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया है। इस घटना को लज्जाजनक करार देते हुए पार्टी ने राष्ट्रपति से तत्काल बीएचयू के कुलपति को बर्खास्त करने की मांग की है। वहीं छात्राओं पर पुलिस लाठीचार्ज और छेड़खानी की घटनाओं की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच की भी कांग्रेस ने मांग की।
बीएचयू की आंदोलनरत छात्राओं के समर्थन में उतरी कांग्रेस ने पार्टी मुख्यालय में विशेष प्रेस कांफ्रेंस कर निशाना साधा। पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि छात्राओं के साथ आधी रात में पुलिस ने बर्बरता की। उन्होंने कहा कि बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का अभियान चला रही केंद्र सरकार की कथनी और करनी में अंतर है। क्योंकि बेटियां जब पढ़ लिखकर अपना हक मांग रही हैं तो उन पर लाठी बरसाए जा रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कुलपति पर प्रहार करते हुए कहा कि उन्हें अपने इस बयान के लिए शर्म से डूब मरना चाहिए जिसमें उन्होंने कहा अगर अपनी इज्जत प्यारी है तो छह बजे के बाद लड़कियां बाहर न निकले। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के नाते राष्ट्रपति बीएचयू के विजिटर हैं। इसलिए तत्काल ऐसे असंवेदनशील कुलपति को उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए।
तिवारी ने कहा कि बनारस पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र है और छात्राओं के साथ हुई घटना पर उनकी चुप्पी सवाल खड़े करती है। एनडीए पर वार करते हुए उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं पर हमला इस सरकार का डीएनए बन गया है। तिवारी ने कहा कि कि इस दमन के खिलाफ चाहे हैदराबाद हो, चंडीगढ़, राजस्थान या दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रों ने सत्ताधारी खेमे के खिलाफ चुनाव जीतकर अपने विरोध की आवाज को साफ कर दिया है।
बीएचयू में लाठीचार्ज के बाद बड़ी संख्या में छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज करने पर कड़ा एतराज जताते हुए तिवारी ने कहा कि वास्तव में एफआइआर कुलपति के खिलाफ दर्ज कर कार्रवाई की जानी चाहिए। इस मामले में राज्य सरकार के रवैये से असंतोष जाहिर करते हुए कांग्रेस ने यह मांग भी कि लाठीचार्ज और छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार की सिटिंग हाईकोर्ट जज से न्यायिक जांच करा दोषियों को दंडि़त किया जाना चाहिए।
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