'निलंबन के विरोध में कांग्रेस का प्रदर्शन कल भी रहेगा जारी'
अपने 44 में से 25 सांसद सदस्यों के पांच दिन के निलंबन के विरोध में कांग्रेस का विरोध व्यापक होता जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एलान किया है कि कांग्रेस सांसदों के निलंबन के विरोध में प्रदर्शन कल भी जारी रहेगा। राहुल गांधी
नई दिल्ली। अपने 44 में से 25 सांसद सदस्यों के पांच दिन के निलंबन के विरोध में कांग्रेस का विरोध व्यापक होता जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एलान किया है कि कांग्रेस सांसदों के निलंबन के विरोध में प्रदर्शन कल भी जारी रहेगा। राहुल गांधी ने कहा कि हमें बाहर रखने का फैसला लिया गया है... हम बाहर ही रहेंगे.. विरोध करते रहेंगे।
संसद सत्र शुरू होने के तुरंत बाद ही संसद परिसर में गांधी मूर्ति के सामने कांग्रेस का धरना प्रदर्शन शुरू हो गया। सदस्य काले झंडे और बांह पर काली पट्टी बांधकर पहुंचे हैं। धरने में टीएमसी, सपा, लेफ्ट, जदयू के सदस्य भी हिस्सा ले रहे हैं।
दूसरी ओर राज्यसभा में भारी हंगामे के बीच रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने हरदा रेल हादसे पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि हादसा बारिश के कारण हुआ और सरकार राहत कार्य के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। सभापति हामिद अंसारी ने रेल मंत्री के बयान बयान को अमान्य घोषित कर दिया। इसके बाद भारी हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही 12 बजे तक और फिर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
वहीं निलंबन मामले में संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार विपक्ष के साथ मीलों चलने को तैयार है लेकिन उनकी अनुचित मांगों को हम नहीं मान सकते हैं। सुषमा स्वराज एक परिसंपत्ित हैं। शिवराज चौहान और वसुंधरा राजे ने मुख्यमंत्री के रूप बेहतरीन प्रदर्शन किया है। ऐसे में इन्हें हटाने की मांग करना एकदम गलत हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की सफलता से परेशान है। वह विकास में बाधा डालने का प्रयास कर रही है।
उधर, कांग्रेस इस लड़ाई को संसद से बाहर सड़क पर ले जाने को तैयार है। पार्टी के उपाध्यक्ष ने राहुल गांधी ने कल इसका संकेत देते हुए कहा था कि हमारे सभी 44 सांसदों को लोकसभा से बाहर फेंक दें तो भी सरकार पर इस्तीफे का दबाव कम नहीं होगा। संघर्ष के लिए पूरा देश है। मोदी देश के मन की बात सुनें। इसी क्रम में सोनिया गांधी ने भी कहा कि संसद चलाना सरकार की जिम्मेदारी है। हमारे सांसदों का निलंबन अलोकतांत्रिक है। इस मामले में दस विपक्षी पार्टियों का भी कांग्रेस को समर्थन मिला।
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