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वाड्रा पर जांच से आक्रामक हुई कांग्रेस , पूर्व सीएम हुड्डा को आगे कर भूली नाराजगी

रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ ढींगरा आयोग पर जवाबी वार के लिए कांग्रेस ने पूर्व सीएम हुडा और कई विधायकों से भी राज्यसभा में हार की नाराजगी खत्म कर ली।

By anand rajEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2016 01:04 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2016 04:49 AM (IST)
वाड्रा पर जांच से आक्रामक हुई कांग्रेस , पूर्व सीएम हुड्डा को आगे कर भूली नाराजगी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राबर्ट वाड्रा पर जांच की फांस ने कांग्रेस हाईकमान को राज्यसभा चुनाव में गच्चा देने वाले अपने विधायकों और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर नरम रुख अपनाने को बाध्य कर दिया है। वाड्रा के बचाव के लिए पार्टी नेतृत्व ने हुडा से न केवल गिले शिकवे खत्म कर दिए हैं बल्कि ढींगरा आयोग पर पलटवार करने की अपनी रणनीति का उन्हें हिस्सा भी बनाया है।

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वाड्रा-डीएलएफ के बीच जमीन सौदे में हुई डील से जुड़े कुछ गंभीर तथ्यों के ढींगरा आयोग के हाथ लगने की आशंका से परेशान कांग्रेस हाईकमान ने पिछले दो दिनों में दो बार हुडा से चर्चा की है। सूत्रों के अनुसार हाईकमान ने इस दौरान पिछले महीने हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की हुई फजीहत की कोई चर्चा नहीं की। इसके विपरीत ढींगरा आयोग के खिलाफ कांग्रेस के सियासी अभियान को धार देने के लिए हुडा से मुखर होने को कहा गया है।

वाड्रा के खिलाफ ढींगरा आयोग की जांच रिपोर्ट आने का मामला भले ही कुछ समय के लिए टल गया है। मगर कांग्रेस हाईकमान का मानना है कि वाड्रा के खिलाफ इस संभावित रिपोर्ट को भाजपा अगले साल के शुरू में होने वाले पांच राज्यों के चुनाव में उछालने की योजना पर काम कर रही है। इसीलिए पार्टी जवाबी रणनीति के तहत ढींगरा आयोग की विश्र्वसनीयता को ध्वस्त करने में जुट गई है।

इस रणनीति में हुडा कांग्रेस के लिए अहम हैं क्योंकि उनके मुख्यमंत्रित्व काल में ही वाड्रा-डीलएफ के बीच गुडगांव के महंगे इलाकों में जमीन के कई डील हुए। जाहिर तौर पर वाड्रा के बचाव में उतरने के लिए हुडा हाईकमान के लिए ज्यादा उपयोगी हैं। शायद इसीलिए हाईकमान ने हरियाणा में राज्यसभा चुनाव में हुई फजीहत से आंख चुरा लिया है।

गौरतलब है कि पिछले महीने हुए इस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार वरिष्ठ वकील आरके आनंद का समर्थन करने के कांग्रेस के खुले ऐलान करने की वजह से उनकी जीत लगभग पक्की मानी जा रही थी। इनेलो पहले ही आनंद के साथ खड़ी थी। मगर कांग्रेस विधायकों जिनमें से अधिकांश हुडा के समर्थक हैं ने वोटिंग के दौरान स्याही का ऐसा खेल खेला कि उनके वोट रदद हो गए।

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कांग्रेस विधायकों के इस दांव से भाजपा समर्थित उम्मीदवार जी न्यूज चैनल के मालिक सुभाष चंद्रा बाजी पलटते हुए राज्यसभा में पहुंच गए। इसकी वजह से कांग्रेस हाईकमान की काफी किरकिरी हुई और विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने तक की बातें हुई। पार्टी नेतृत्व इसको लेकर हुडा से भी खफा हुआ। मगर वाड्रा पर ढींगरा जांच आयोग की संभावित घेरेबंदी के मद्देनजर हाईकमान के लिए राज्यसभा चुनाव की फजीहत का मुद्दा छोटा पड़ गया है।

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