तीखे तर्को से सरकार पर हमलावर होगी कांग्रेस
सरकार के खिलाफ विरोध की धार को पैना करने की रणनीति के तहत कांग्रेस ने मीडिया विभाग को कसना शुरू कर दिया है। पार्टी ने आंतरिक संवाद के जरिए पार्टी का पक्ष रख रहे नेताओं को मुद्दों को लेकर 'एक राय' में जनता के सामने जाने को कहा है।
नई दिल्ली,जागरण ब्यूरो। सरकार के खिलाफ विरोध की धार को पैना करने की रणनीति के तहत कांग्रेस ने मीडिया विभाग को कसना शुरू कर दिया है। पार्टी ने आंतरिक संवाद के जरिए पार्टी का पक्ष रख रहे नेताओं को मुद्दों को लेकर 'एक राय' में जनता के सामने जाने को कहा है।
पार्टी की 'नई सलाह' को आरक्षण के मामले को लेकर पार्टी के कई नेताओं के पार्टी लाईन से इतर बयान देने के मद्देनजर कड़े निर्देश के रूप में देखा जा रहा है। इसके अलावा पार्टी ने 'मौजूं' मुद्दों पर और अधिक तेवरों से हमले की तैयारी में अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञों को साथ लेने का फैसला किया है।
इसके जरिए पार्टी मोदी सरकार के अपेक्षाकृत कम अनुभवी मंत्रियों को निशाना बना कर उनके विभाग में हो रही अनियमितताओं व नीतिगत निर्णयों पर सवाल उठाने की तैयारी में है। इसी तरह पार्टी प्रवक्ताओं में 'रोटेशन' प्रक्रिया को और व्यावहारिक कर आतंरिक गुटबाजी पर लगाम लगाने की कोशिश भी है।
मानसून सत्र में पार्टी को संचार माध्यमों में मिली सफलता को बरकरार रखने के लिए कांग्रेस संचार विभाग का पुनर्गंठन करने की तैयारी में है। आरक्षण मामले में पार्टी के कुछ नेताओं के बयान को लेकर असहज पार्टी ने 'एडवायजरी' के जरिए पार्टी नेताओं को पार्टी लाईन से मिल कर चलने की हिदायत दी है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी पक्ष रख रहे प्रवक्ताओं के तर्कों को और धार देने के लिए शोध करने वालों की टीम में कुछ नए सदस्यों को जोड़ने को फैसला लिया है। इनमें नारे गढ़ने व चुटीली टिप्पणियों के जरिए अपनी बात कहने वाले कुछ बेहतरीन कापी राइटर शामिल हैं।
वहीं, पार्टी ने सोशल मीडिया में छोटे-छोटे वीडियों के जरिए मोदी सरकार को घेरने के लिए पार्टी रीत-नीत से जुड़े कुछ उत्साही नौजवानों की सेवाएं लेने का फैसला किया है। यह टीम विश्वविद्यालयों, स्कूलों सार्वजनिक स्थानों पर सहज ढंग के वीडियो शूट कर उनके जरिए मोदी सरकार के दावों की पोल खोलने का काम करेंगे। पार्टी मोदी के वादों और इसे पलटने को लेकर कार्टून सीरीज, व गावों में नुक्कड़ नाटकों के जरिए लोगों के बीच उतरने की तैयारी में है। वहीं, राज्यों के दौरे के बाद राहुल एक बार फिर शिक्षा केंद्रों में हाजिरी लगाते नजर आएंगे। पार्टी ने अलग-अलग क्षेत्र में विशेष योग्यता रखने वाले नेताओं को संबधित विषयों प बोलने के लिए अधिकृत किया है।
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