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जयंती के आरोपों के पीछे छिपा है उनका गुप्‍त मकसद: कांग्रेस

पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंती नटराजन द्वारा कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी पर सीधे आरोप लगाने के बाद पूरी कांग्रेस पार्टी उपाध्‍यक्ष के समर्थन में खड़ी हो गई है। कांग्रेस ने नटराजन के लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए निराधार करार दिया है। पार्टी ने इन आरोपों की

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 30 Jan 2015 03:48 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jan 2015 07:30 PM (IST)
जयंती के आरोपों के पीछे छिपा है उनका गुप्‍त मकसद: कांग्रेस

नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंती नटराजन द्वारा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर सीधे आरोप लगाने के बाद पूरी कांग्रेस पार्टी उपाध्यक्ष के समर्थन में खड़ी हो गई है। कांग्रेस ने नटराजन के लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए निराधार करार दिया है। पार्टी ने इन आरोपों की टाइमिंग को लेकर भी संदेह जताया है। कांग्रेस का कहना है कि इसके पीछे उनका कोई गुप्त मकसद है।

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पार्टी प्रवक्ता पीसी चाको ने आरोप लगाया है कि नटराजन का कहना है कि यदि वह सही थीं तो कई बार मौका मिलने के बावजूद उन्होंने इससे पहले यह बातें पार्टी फोरम में क्यों नहीं उठाईं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह के बयान देने के पीछे नटराजन का कुछ और मकसद है। उनका कहना था कि कांग्रेस किसी को भी इस्तीफा देकर पार्टी से जाने पर नहीं रोकने वाली है। कृष्णा तीरथ चली गईं वह भी जा सकती हैं।

इस मुद़दे पर जयराम रमेश ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को गलत और अाधारहीन बताया। उन्होंने कहा कि जयंती ने पर्यावरण मंत्रालय करीब 25 माह तक देखा था। उनका कहना था कि वह इस बात को पूरे विश्वास के साथ कह सकते हैं कि इस दौरान राहुल गांधी ने न तो सीधे तौर पर और न ही अन्य तरीकों से अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर योजनाओं को खारिज और मंजूर करने में कोई भूमिका निभाई। जयंती के बाद मंत्रालय की कमान संभालने वाले विरप्पा मोइली ने भी नटराजन के आरोपाें को सिरे से खारिज कर दिया है। राहुल गांधी के बचाव में उतर मोइली ने कहा कि पार्टी उपाध्यक्ष के नाते राहुल ने कभी किसी भी मंत्रालय के काम में हस्तक्षेप्ा नहीं किया।

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नटराजन द्वारा यह आरोप लगाने पर कि राहुल गांधी ने कई परियोजनाओं को अपना प्रभाव दिखाकर मंजूर करने के लिए उनपर दवाब बनाया था, मोइली ने कहा कि ऐसा कभी पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी नहीं किया। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी को तीन बार ऐसा मौका मिला जब वह देश की प्रधानमंत्री बन सकती थीं, लेकिन उन्होंने इस पद को ठुकरा दिया।

पढ़ें: जयंती के आरोपों के बाद राहुल गांधी के बचाव में उतरे कांग्रेसी


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