अब अन्नाद्रमुक को लामबंद करने के प्रयास में कांग्रेस
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ अन्य दलों को लामबंद करने का प्रयास तेज कर दिया है। इस बिल के खिलाफ जोर-शोर से मुहिम चलाने वाली कांग्रेस ने अन्नाद्रमुक से अनुरोध किया है कि वह राज्यसभा में विधेयक का वर्तमान स्वरूप में समर्थन न करे।
चेन्नई। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ अन्य दलों को लामबंद करने का प्रयास तेज कर दिया है। इस बिल के खिलाफ जोर-शोर से मुहिम चलाने वाली कांग्रेस ने अन्नाद्रमुक से अनुरोध किया है कि वह राज्यसभा में विधेयक का वर्तमान स्वरूप में समर्थन न करे। हालांकि, लोकसभा में अन्नाद्रमुक ने इस विधेयक का समर्थन किया था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने रविवार को पत्रकारों से कहा कि भाजपा सरकार का भूमि अधिग्रहण बिल अपनी मूल प्रकृति में 'तानाशाह' है। संसद में चर्चा किए बगैर इसे अध्यादेश के जरिये लाया गया। 2013 में संप्रग सरकार द्वारा बनाए गए कानून से किसान समर्थक कई प्रावधानों को हटा दिया गया।
नए विधेयक में किसानों की सहमति व सामाजिक प्रभाव के अध्ययन का प्रावधान खत्म कर दिया गया है। औद्योगिक गलियारे के बाहर भूमि अधिग्रहण की इजाजत देने से इसका फायदा कुछ गिने-चुने उद्योगपतियों व डेवलपरों के अलावा और किसी को नहीं होगा।
संप्रग सरकार में भूमि अधिग्रहण कानून का मसौदा तैयार करने वाले रमेश ने समान विचार वाले सभी पार्टियों से इसका विरोध करने का अनुरोध किया। उन्होंने खुद को किसान समर्थक बताने वाले तमाम राजनीतिक दलों से इसके खिलाफ आगे आने का आह्वान किया। रमेश ने कहा कि अन्नाद्रमुक के पास राज्यसभा में इस विधेयक का विरोध कर किसानों व खेतिहर मजदूरों के प्रति समर्थन जताने का एक और मौका है।
लोकसभा में 37 सांसदों के साथ अन्नाद्रमुक ने इस विधेयक का समर्थन किया था। हालांकि, इसके लिए द्रमुक व माकपा जैसी पार्टियों ने उसकी कड़ी आलोचना की थी।
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