भूमि अधिग्रहण पर विरोधी दलों को लामबंद करने में जुटी कांग्रेस
भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक के खिलाफ कांग्रेस विरोधी दलों को लामबंद करने में जुट गई है। कांग्रेस ने जयललिता के नेतृत्व वाली अन्नाद्रमुक से आग्रह किया है कि वह राज्यसभा में इस विधेयक का विरोध कर किसानों से किया गया वादा निभाए।
चेन्नई। भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक के खिलाफ कांग्रेस विरोधी दलों को लामबंद करने में जुट गई है। कांग्रेस ने जयललिता के नेतृत्व वाली अन्नाद्रमुक से आग्रह किया है कि वह राज्यसभा में इस विधेयक का विरोध कर किसानों से किया गया वादा निभाए।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि भाजपा सरकार द्वारा लाया गया विधेयक तानाशाहीपूर्ण है। यह बिना चर्चा के एक अध्यादेश के जरिए लाया गया है तथा इसमें 2013 की संप्रग सरकार द्वारा किसानों के हित में किए गए कई प्रावधानों को खत्म कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सभी किसान समर्थक दलों से आग्रह कर रही है कि वे भाजपा सरकार के भूमि अधिग्रहण विधेयक का विरोध करे।
रमेश ने कहा कि अन्नाद्रमुक के पास यह मौका है कि किसानों व कृषिष श्रमिक हितैषी होने के अपने दावे को राज्यसभा में साबित करे। उन्होंने कहा कि यह सच है कि राज्य चाहें तो अपने यहां अलग भूमि अधिग्रहण कानून बना सकते हैं लेकिन केन्द्रीय कानून का अपना महत्व है। मोदी सरकार द्वारा लाया गया विधेयक तानाशाहीपूर्ण है। यदि अन्नाद्रमुक तमिलनाडु में प्रगतिशील कानून पारित करना चाहती है तो अच्छा है, लेकिन केन्द्र के तानाशाहीपूर्ण कानून के समर्थन की क्या जरूरत है।
सरकार के साथ है अन्नाद्रमुक लोकसभा में 37 सदस्यों वाली अन्नाद्रमुक भूमि अधिग्रहण विधेयक पर मोदी सरकार का समर्थन कर रही है। उसके इस कदम का तमिलनाडु में द्रमुक व माकपा द्वारा क़़डा विरोध किया जा रहा है। हालांकि अन्नाद्रमुक प्रमुख जयललिता स्पष्ट कर चुकी हैं कि विधेयक का समर्थन अन्नाद्रमुक द्वारा सुझाए गए संशोधनों को शामिल कर लिए जाने के बाद ही वह समर्थन के लिए तैयार हुई हैं।
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