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असमंजस बरकरार, विलय से ठिठका जनता परिवार

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जनता परिवार में विलय की संभावना क्षीण होती जा रही है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने तकनीकी दिक्कतों का हवाला देते हुए कहा कि बिहार चुनाव से पहले राजद, सपा और जदयू के विलय की संभावना कम है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Sun, 10 May 2015 09:01 PM (IST)Updated: Sun, 10 May 2015 09:58 PM (IST)
असमंजस बरकरार, विलय से ठिठका जनता परिवार

नई दिल्ली । बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जनता परिवार में विलय की संभावना क्षीण होती जा रही है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने तकनीकी दिक्कतों का हवाला देते हुए कहा कि बिहार चुनाव से पहले राजद, सपा और जदयू के विलय की संभावना कम है। हालांकि माना जा रहा है कि सपा में इस प्रस्तावित विलय को लेकर पहले से ही काफी विरोध है और इस वजह से ही इन तीन पार्टियों को एक ही बैनर के नीचे लाने की योजना फिलहाल टल रही है।

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यादव ने कहा है कि अगर जदयू और राजद एक ही पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ेंगे तो उनके वोट बंट जाएंगे। इसलिए इन्हें गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ना चाहिए न कि एक ही दल के तहत। उन्होंने यह भी कहा कि विलय की स्थिति में इन दलों को नए नाम व चुनाव चिन्ह के लिए चुनाव आयोग में आवेदन करना होगा। अब जबकि बिहार में चुनाव एकदम नजदीक है, विलय का फैसला इतनी जल्दबाजी में नहीं हो सकता है। इससे वोटर भी दिग्भ्रमित होगा, खासतौर पर बिहार का वोटर। यादव ने यहां तक कहा कि अगर विलय हो जाता है तो यह पार्टी के डेथ वारंट पर हस्ताक्षर करने जैसा होगा।

बताते चलें कि पिछले महीने ही सपा, राजद, जदयू, जद (एस) समेत छह दलों ने विलयकर एक पार्टी बनाने का फैसला किया था। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को इस पार्टी का मुखिया बनाया गया था। तब कहा गया था कि कुछ दिनों में विलय की अंतिम घोषणा हो जाएगी और नई पार्टी बिहार में चुनाव लड़ेगी। हालांकि उसके बाद से विलय को लेकर इन पार्टियों के बड़े नेता चुप्पी साधे हुए हैं। माना जा रहा है कि प्रस्तावित विलय का सबसे ज्यादा विरोध समाजवादी पार्टी के भीतर ही हो रहा है।

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