पीएमएवाई के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े की हो जांच : समिति
रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़ी संख्या में फर्जी बिल्डर और डेवलपर सस्ते मकान आवंटन के लिए लोगों से रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र : संसदीय समिति ने आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय से प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई)-शहरी के नाम पर किए जा रहे फर्जीवाड़े की तुरंत जांच कराने की सिफारिश की है। समिति ने कहा है कि दिल्ली एनसीआर समेत देश के कई शहरों में सरकार की प्रमुख आवास योजना के नाम पर बेईमान तत्व और फर्जी एनजीओ केवल 150 रुपये देकर घर बुक कराने का फर्जीवाड़ा कर रहे हैं।
शहरी विकास मंत्रालय की स्थायी समिति ने आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय के लिए अनुदान मांगों से संबंधित रिपोर्ट में ये बातें कहीं। बीजद सांसद पिनाकी मिश्रा की अध्यक्षता वाली समिति ने हाल ही में संसद में यह रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़ी संख्या में फर्जी बिल्डर और डेवलपर सस्ते मकान आवंटन के लिए लोगों से रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। ये मकान '2022 तक सबके लिए घर' मिशन के तहत गरीब और कम आय वर्ग के लोगों के लिए बनाए जा रहे हैं।
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समिति ने फर्जीवाड़े को लेकर आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय को सख्त चेतावनी दी और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसकी व्यापक जांच कराने को कहा। समिति ने यह भी कहा कि फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों को पकड़ने में देरी से उन्हें और लोगों को लूटने का मौका मिलेगा। अगर इसे रोका नहीं गया तो गरीब और बेघर लोग खुद को ठगा महसूस करेंगे। उनके लिए आगे किसी भी सरकारी योजना पर विश्वास करना मुश्किल हो जाएगा।
समिति ने इस फर्जीवाड़े के खिलाफ विजुअल और प्रिंट मीडिया के जरिये जोरदार जागरूकता अभियान चलाने की वकालत की। समिति ने आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय का बजट आवंटन बढ़ाने की भी सिफारिश की।
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