Exclusive: पुराने नोट के बाद अब बदले जाएंगे सिक्के, मार्केट में पहली बार आएगा 20 का सिक्का
Jagran Exclusive: नोट की जगह बीस का नया नवेला सिक्का जारी होगा। यही नहीं भारत सरकार एक रुपये से लेकर दस रुपये तक के सभी सिक्कों का कलेवर भी बदलने जा रही है।
By Arti YadavEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 07:33 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 05:46 PM (IST)
कानपुर, बृजेश दुबे। पुराने नोट बदलने के बाद अब बारी सिक्कों की है। पुराने नोट की तरह सरकार अब पुराने सिक्कों को भी बंद करेगी। इनकी जगह मार्केट में अब नए सिक्के आएंगे। साथ ही सरकार पहली बार मार्केट में 20 रुपये का नया सिक्का भी लाएगी। सरकार ने लंबे मंथन के बाद ये फैसला लिया है।
भारत सरकार एक रुपये से लेकर दस रुपये तक के सभी सिक्कों का कलेवर भी बदलने जा रही है। इन सिक्कों के प्रोटोटाइप यानी डिजाइन तैयार हो गए हैं, जिन्हें फाइनल करने के लिए आज दिल्ली में बैठक होने जा रही है। इस बैठक में नई डिजाइन वाले सिक्कों के साथ बीस रुपये के नए सिक्के की भी भारतीय सिक्का अधिनियम 2011 के तहत वैधानिकता के संबंध में अहम निर्णय होंगे। बीस का सिक्का अष्टकोणीय आकार का हो सकता है।
दृष्टिबाधित दिव्यांग भी आसानी से पहचान पाएंगे
दैनिक जागरण को मिली जानकारी के मुताबिक सिक्के इस प्रकार ढाले जाएंगे कि दृष्टिबाधित दिव्यांग इन्हें आसानी से पहचान सकें। भारत सरकार के आर्थिक कार्य विभाग के अनु सचिव ने इस संबंध में पत्र जारी कर सिक्कों की डिजाइन फाइनल करने से संबंधित लोगों की बैठक बुलाई है। इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक बीस रुपये के नोट जारी करने की तैयारी कर रही थी, जिसकी डिजाइन अंतिम चरण में थी। माना जा रहा है कि कागज की खपत को देखते अभी सिक्कों को ही जारी किया जाएगा। ऐसे में आरबीआइ अभी बीस रुपये के नए नोट जारी करने से रुक सकती है।
मार्च 2019 तक 26 हजार करोड़ रुपये के सिक्के होने का अनुमान
भारतीय प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड (सिक्युरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कारपोरेशन इंडिया लिमिटेड-एसपीएमसीआइएल) ने इससे पहले वर्ष 2011 में सिक्कों की डिजाइन में बदलाव किया था। इसे ‘भारतीय सिक्कों की नई श्रृंखला 2011’ कहा गया था। तब 50 पैसे से लेकर दस रुपये तक, सभी सिक्कों में रुपये का चिह्न् शामिल किया गया था। भारतीय बाजार इस समय सिक्कों के बोझ तले दबा हुआ है। मार्च 2018 तक भारतीय बाजार में कुल 25,600 करोड़ रुपये के सिक्के प्रचलित थे, जिनके मार्च 2019 तक बढ़कर 26 हजार करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
सामाजिकता का संदेश भी देंगे सिक्के
भारत सरकार से जुड़ी शेप एंड साइज संस्था सिक्कों की डिजाइन के बारे में विशेषज्ञों से सुझाव लेती है। फिर डिजाइन को फाइनल किया जाता है। इन कमेटियों में मुद्रा, कला, विज्ञान, संस्कृति और समाज से जुड़े विशेषज्ञ शामिल होते हैं। इसके अलावा नेशनल इंस्टीट्यूट आफ डिजाइन (एनआइडी) से भी सुझाव लिए जाते हैं। माना जा रहा है, नए सिक्कों की डिजाइन में एनआइडी अहमदाबाद ने अहम सुझाव दिए हैं। नए कलेवर के सिक्के सामाजिकता का संदेश भी देंगे। इन सिक्कों में भारत सरकार द्वारा चलाए गए सामाजिक सरोकार के अभियानों को शामिल किया है।
भारत सरकार एक रुपये से लेकर दस रुपये तक के सभी सिक्कों का कलेवर भी बदलने जा रही है। इन सिक्कों के प्रोटोटाइप यानी डिजाइन तैयार हो गए हैं, जिन्हें फाइनल करने के लिए आज दिल्ली में बैठक होने जा रही है। इस बैठक में नई डिजाइन वाले सिक्कों के साथ बीस रुपये के नए सिक्के की भी भारतीय सिक्का अधिनियम 2011 के तहत वैधानिकता के संबंध में अहम निर्णय होंगे। बीस का सिक्का अष्टकोणीय आकार का हो सकता है।
दृष्टिबाधित दिव्यांग भी आसानी से पहचान पाएंगे
दैनिक जागरण को मिली जानकारी के मुताबिक सिक्के इस प्रकार ढाले जाएंगे कि दृष्टिबाधित दिव्यांग इन्हें आसानी से पहचान सकें। भारत सरकार के आर्थिक कार्य विभाग के अनु सचिव ने इस संबंध में पत्र जारी कर सिक्कों की डिजाइन फाइनल करने से संबंधित लोगों की बैठक बुलाई है। इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक बीस रुपये के नोट जारी करने की तैयारी कर रही थी, जिसकी डिजाइन अंतिम चरण में थी। माना जा रहा है कि कागज की खपत को देखते अभी सिक्कों को ही जारी किया जाएगा। ऐसे में आरबीआइ अभी बीस रुपये के नए नोट जारी करने से रुक सकती है।
मार्च 2019 तक 26 हजार करोड़ रुपये के सिक्के होने का अनुमान
भारतीय प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड (सिक्युरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कारपोरेशन इंडिया लिमिटेड-एसपीएमसीआइएल) ने इससे पहले वर्ष 2011 में सिक्कों की डिजाइन में बदलाव किया था। इसे ‘भारतीय सिक्कों की नई श्रृंखला 2011’ कहा गया था। तब 50 पैसे से लेकर दस रुपये तक, सभी सिक्कों में रुपये का चिह्न् शामिल किया गया था। भारतीय बाजार इस समय सिक्कों के बोझ तले दबा हुआ है। मार्च 2018 तक भारतीय बाजार में कुल 25,600 करोड़ रुपये के सिक्के प्रचलित थे, जिनके मार्च 2019 तक बढ़कर 26 हजार करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
सामाजिकता का संदेश भी देंगे सिक्के
भारत सरकार से जुड़ी शेप एंड साइज संस्था सिक्कों की डिजाइन के बारे में विशेषज्ञों से सुझाव लेती है। फिर डिजाइन को फाइनल किया जाता है। इन कमेटियों में मुद्रा, कला, विज्ञान, संस्कृति और समाज से जुड़े विशेषज्ञ शामिल होते हैं। इसके अलावा नेशनल इंस्टीट्यूट आफ डिजाइन (एनआइडी) से भी सुझाव लिए जाते हैं। माना जा रहा है, नए सिक्कों की डिजाइन में एनआइडी अहमदाबाद ने अहम सुझाव दिए हैं। नए कलेवर के सिक्के सामाजिकता का संदेश भी देंगे। इन सिक्कों में भारत सरकार द्वारा चलाए गए सामाजिक सरोकार के अभियानों को शामिल किया है।
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