Move to Jagran APP

मनमोहन की मर्जी से बंटे थे कोल ब्लॉकः दसारी राव

पूर्व कोयला राज्यमंत्री दसारी नारायण राव ने शुक्रवार को कोयला घोटाले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम घसीटते हुए विशेष अदालत में कहा कि कोयला ब्लॉकों के आवंटन का फैसला उनके (मनमोहन के) कार्यालय द्वारा किया गया था। उस समय उनके पास कोयला मंत्रालय का भी प्रभार था। राव

By Edited By: Published: Sat, 23 May 2015 12:24 AM (IST)Updated: Sat, 23 May 2015 09:37 AM (IST)
मनमोहन की मर्जी से बंटे थे कोल ब्लॉकः दसारी राव

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। पूर्व कोयला राज्यमंत्री दसारी नारायण राव ने शुक्रवार को कोयला घोटाले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम घसीटते हुए विशेष अदालत में कहा कि कोयला ब्लॉकों के आवंटन का फैसला उनके (मनमोहन के) कार्यालय द्वारा किया गया था। उस समय उनके पास कोयला मंत्रालय का भी प्रभार था। राव इस मामले में खुद आरोपी हैं।

loksabha election banner

राव की ओर से पेश वकील ने उनके लिए जमानत की मांग करते हुए विशेष सीबीआइ जज भरत पराशर के समक्ष कहा कि उनके मुवक्किल का नवीन जिंदल समूह की कंपनियों को झारखंड में अमरकोंडा मुर्गदंगल कोयला ब्लॉक आवंटन से कोई लेना-देना नहीं है। आवंटन के बारे में अंतिम फैसला कोयला मंत्री ने लिया था, जो उस समय प्रधानमंत्री थे। कोयला राज्य मंत्री के रूप में राव ने सिर्फ नोट्स को आगे बढ़ाया।

पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता ने जमानत मांगते हुए कहा कि जांच समिति के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने सिर्फ सिफारिशों को कोयला मंत्री के पास भेजा। गुप्ता के वकील ने कहा कि जांच समिति के अध्यक्ष के रूप में गुप्ता को सिर्फ सिफारिशें कोयला मंत्री को भेजनी थीं, जो उस समय प्रधानमंत्री थे। जांच समिति सिर्फ सिफारिश भेजने वाला निकाय है।

जिंदल, कोड़ा समेत दस को जमानत
अदालत ने इस मामले में दस आरोपियों की जमानत याचिका पर बहस की सुनवाई के बाद उन्हें एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके व इतनी ही राशि की गारंटी के बाद जमानत दे दी। पूर्व कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल, पूर्व कोयला राज्यमंत्री दसारी नारायण राव, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और अन्य सात इनमें शामिल हैं।

पूर्व पीएम को दिया था समन
विशेष अदालत ने इससे पहले मनमोहन सिंह को कोयला आवंटन घोटाले में आरोपी के रूप में समन जारी था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस समन आदेश पर रोक लगा दी।

जेएसपीएल ने किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया है। कोल ब्लॉक का आवंटन योग्यता के आधार पर कंपनी को किया गया था। कंपनी को न्यायिक व्यवस्था में पूरा विश्वास है।
-प्रवक्ता, जेएसपीएल (नवीन जिंदल की कंपनी)

पढ़ेंः अब सरकार पर कोयले की कालिख

कोयला घोटाले में जिंदल और कोड़ा को समन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.