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कोयला व बीमा विधेयक लोकसभा से पारित

विपक्ष के दबाव में अटके कोयला, बीमा और भूमि अधिग्रहण विधेयक पर सरकार ने बहुमत वाले लोकसभा के रास्ते कदम आगे बढ़ा दिया है। कोयला और बीमा बिल एक ही दिन में लोकसभा से पारित करा लिया गया है। भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक सोमवार को पारित कराने की कोशिश होगी।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 05 Mar 2015 07:35 AM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2015 07:53 AM (IST)
कोयला व बीमा विधेयक लोकसभा से पारित

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विपक्ष के दबाव में अटके कोयला, बीमा और भूमि अधिग्रहण विधेयक पर सरकार ने बहुमत वाले लोकसभा के रास्ते कदम आगे बढ़ा दिया है। कोयला और बीमा बिल एक ही दिन में लोकसभा से पारित करा लिया गया है। भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक सोमवार को पारित कराने की कोशिश होगी। साथ ही सरकार की ओर से यह संकेत भी दे दिया गया है कि रायसभा में विपक्ष ने अवरोध पैदा किया तो संयुक्त सत्र का रास्ता खुला है।

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दैनिक जागरण ने इसकी जानकारी पहले ही दी थी कि रास में विपक्ष के विरोध के कारण उलझी सरकार विवादित बिल लोकसभा में पेश करेगी। बुधवार को यूं तो उक्त तीनों विधेयक लोकसभा में सूचीबद्ध थे, लेकिन पारित सिर्फ कोयला और बीमा बिल कराए गए। एक दिन पहले ही रायसभा में विपक्ष के बहुमत से परेशान और सतर्क सरकार ने यह सुनिश्चित कर लिया था कि दोनों बिल वर्तमान रूप में ही पारित हों।

हालांकि विपक्ष की ओर से कुछ संशोधन पेश किए गए थे। कोयला विधेयक पर चर्चा के दौरान यह परोक्ष धमकी भी दी गई थी कि सुधार लोकसभा मे ही कर लिए जाएं वरना रायसभा में सरकार को खामियाजा भुगतना पड़ेगा। जरूरत हुई तो वहां फिर से शक्ति का अहसास कराया जाएगा।

बहरहाल, सरकार ने संयुक्त सत्र तक जाने का मन बना लिया है। पांच घंटे में दोनों विधेयक पारित कराए जाने के बाद एक सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त रायमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि अगर रायसभा में विपक्ष बीमा विधेयक को खारिज करता है तो संयुक्त सत्र का रास्ता खुला है। इससे पहले बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश 26 से बढ़ाकर 49 फीसद करने के फैसले को उचित बताते हुए सिन्हा ने आश्वस्त किया कि हर वर्ग का ध्यान रखा गया है।

यह फैसला इसलिए लिया जा रहा है कि अधिक से अधिक लोगों को बीमा के दायरे में लाया जा सके। वहीं कोयला विधेयक पर जवाब देते हुए कोयला व ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने भरोसा दिलाया कि किसी भी राय के साथ भेदभाव नहीं होगा। यह विधेयक पारदर्शिता बढ़ाने के लिए लाया गया है।

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