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गंगा-यमुना पर संकट से यूपी बन जाएगा रेगिस्तान : सीएम योगी

आोडीएफ वर्कशाप का शुभारंभ करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा प्रदेश में सभी नदियों की हालत बेहद खराब है। गंगा-यमुना नदी को तो उत्तर प्रदेश की जीवन दायिनी माना जाता है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 27 May 2017 01:15 PM (IST)Updated: Sat, 27 May 2017 08:30 PM (IST)
गंगा-यमुना पर संकट से यूपी बन जाएगा रेगिस्तान : सीएम योगी
गंगा-यमुना पर संकट से यूपी बन जाएगा रेगिस्तान : सीएम योगी

वाराणसी (जेएनएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में चल रही तमाम विकास योजनाओं की पड़ताल की, निर्देश दिए व दर्शन पूजन भी किया। काशी में योगी ने खुद को संत, प्रशासक व सूबे के सरदार की अलग-अलग भूमिका में पेश किया। अपने तूफानी निरीक्षण में उन्होंने विकास कार्यों को समयबद्ध करते हुए काम की रफ्तार बढ़ाने का निर्देश दिया। दो टूक कहा कि काम की गुणवत्ता भी बनी रहे क्योंकि समय व गुणवत्ता को लेकर आपकी साख कसौटी पर है। गंगा निर्मलीकरण व खुले में शौच से मुक्ति अभियान के प्रति लोगों को जागरुक करते योगी ने जहां अफसरों के पेच कसे वहीं पार्टी पदाधिकारियों को भी आत्मनियंत्रण की सीख दी। सीएम ने साफगोई से कहा कि यदि गंगा-यमुना पर संकट आया तो यूपी रेगिस्तान हो जाएगा।
सुबह सबेरे काशी के कोतवाल काल भैरव व देवाधिदेव बाबा विश्वनाथ का सविधि दर्शन पूजन करने के साथ ही मुख्यमंत्री ने मंडलीय अस्पताल की नब्ज टटोली। अस्पताल की व्यवस्था से योगी संतुष्ट नजर आए। अंधरापुल फ्लाईओवर के मॉडल निरीक्षण में योगी ने काम की रफ्तार बढ़ाने को कहा वहीं सामनेघाट गंगा पुल को हर हाल में 30 जून तक पूरा करने का निर्देश दिया। मंडुआडीह रेलवे ओवरब्रिज पर थोड़ी असहज स्थिति जरूर बनी जब मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे 15 अगस्त तक पूरा कर लिया जाए मगर रेल अफसरों ने विनम्रता से स्पष्ट किया कि इसे 30 अगस्त के पहले पूरा नहीं किया जा सकता। इसपर योगी ने हंसते हुए कहा, देख लीजिए, जल्दी हो जाए।

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मुख्यमंत्री ने दुर्गा कुंड का सुंदरीकरण देख संतोष व्यक्त किया वहीं शंकुलधारा पोखरे के उद्धारीकरण को देखते समय उनके मुंह से बेसाख्ता निकल गया कि भई, इतना गहरा न खोद देना कि पानी तली में ही रह जाए। इसके बाद बीएचयू पहुंचे योगी ने सूबे के 25 जिलों में गंगा किनारे स्थित 1011 ग्राम पंचायतों के प्रधानों को खुले में शौच से मुक्ति अभियान के लिए प्रेरित करते हुए आगामी अद्र्धकुंभ तक सभी नालों को गंगा में सीधे गिरने से रोकने का संकल्प लिया। सीएम ने करीब पौने दो घंटे तक पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय कार्यालय में संगठन के पदाधिकारियों संग बैठक कर फीडबैक लेते हुए उन्हें निकाय चुनाव के लिए सक्रिय होने को कहा।

कानून का राज कायम करें
अधिकारियों की मंडलीय समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने फिर दोहराया कि कानून का राज कायम करें। अफसरों को निर्देश दिया कि हर हाल में माफिया व गुंडों को सलाखों के पीछे करें। योजनाओं का लाभ निचले तबके तक पहुंचे, यह सुनिश्चित किया जाए। सीएम ने स्पष्ट किया कि मैं अपनी मंशा बता रहा हूं, अमल करें।

गंगा जल परिवहन में लाएं तेजी
जल परिवहन प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने कहा कि काशी में निर्माणाधीन टर्मिनल के लिए और भूमि हासिल करने में आ रही दिक्कतों को जिला प्रशासन दूर करे। गंगा में सिटी बोट चलाने का प्लान तैयार किया जाए।

मंत्रीद्वय ने संभाला मोर्चा
मुख्यमंत्री के मोदी दफ्तर में बैठक के दौरान बाहर बारिश के बीच उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा आयोग के विभिन्न पदों पर नियुक्ति की मांग करने वाले प्रदर्शन करते रहे। उनका कहना था कि चयन की तीन प्रक्रिया हो चुकी है जबकि साक्षात्कार रोक दिया गया है। आयोग अध्यक्ष की नियुक्ति की भी मांग की गई। ग्राम रोजगार सेवक संघ ने नियुक्ति, बहाली व मानदेय समान वेतन के अनुसार करने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान नारेबाजी का शोर सुन सीएम ने बिना प्रतिनिधिमंडल के ज्ञापन मंगवाया। इसपर भी बात नहीं बनी तो उन्होंने नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना व राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी को प्रदर्शनकारियों के बीच भेजा। मंत्रीद्वय ने प्रदर्शनकारियों को समझाया और ज्ञापन लिया।

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गंगा व यमुना के किनारे वृक्ष लगाकर हम तटबंधों की रक्षा कर पाएंगे। हमारा प्रयास इनकी रक्षा करने का होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम लोग नदियों में गंदगी फेंकने के साथ ही पैसे भी फेंकते हैं। पैसा गरीबों को दें, इसको गंगा या अन्य नदी में न डालें। 

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जनता से अपील करते हुए उन्होंने कहा, गंगा में कोई भी ऐसी सामग्री न डालें जिससे गंगा गंदी हो। इसमें पूजा का सामान न फेंके। साथ ही उन्होंने कहा, गंगा सनातन संस्कृति का प्रतीक है। इसका अपमान राष्ट्रद्रोह के समान है। किसी भी शहर या गांव का गंदा पानी गंगा में न गिरे, इसका ध्यान रखना हमारी जिम्मेदारी है। गंगा को सच्छ रखना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने आगे कहा, वस्त्र आदि दान करना हो तो उसे गंगा में न डालें बल्कि उसे गरीबों को दान कर दें। 

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वाराणसी में स्वच्छ गंगा सम्मेलन में 1100 से ज्यादा ग्रामों के प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी भाग ले रहे हैं। सीएम योगी ने इन सभी से कहा कि गंगा नदी निर्मलीकरण योजना को धरातल पर लाएं। आप सभी पर सबसे बड़ा दायित्य है। 

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