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सीएम योगी आदित्यनाथ व डिप्टी सीएम केशव मौर्य का लोकसभा से इस्तीफा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पांच बार लगातार गोरखपुर के सांसद थे। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पहली बार फूलपुर से सांसद बने थे। इससे पहले वह सोरांव से विधायक का चुनाव जीते थे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 21 Sep 2017 11:11 AM (IST)Updated: Thu, 21 Sep 2017 03:21 PM (IST)
सीएम योगी आदित्यनाथ व डिप्टी सीएम केशव मौर्य का लोकसभा से इस्तीफा
सीएम योगी आदित्यनाथ व डिप्टी सीएम केशव मौर्य का लोकसभा से इस्तीफा

लखनऊ (जेएनएन)। नवरात्र के पहले दिन आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर तथा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य इलाहाबाद के फूलपुर से सांसद हैं। 

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही केशव प्रसाद मौर्य नई दिल्ली में हैं। आज सीएम योगी आदित्यनाथ और केशव मौर्य ने संसद भवन जाकर लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। योगी आदित्यनाथ के साथ ही केशव प्रसाद ने 18 सितम्बर विधान परिषद सदस्य की शपथ भी ली थी। इनको एक सदन से त्यागपत्र था। इसी के क्रम में आज इन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके पहले भी इस्तीफे की खबरें आती रहीं हैं लेकिन उन्होंने इसका खंडन किया था। 

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पांच बार लगातार गोरखपुर के सांसद थे। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पहली बार फूलपुर से सांसद बने थे। इससे पहले वह सोरांव से विधायक का चुनाव जीते थे। 

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वर्ष 2014 में योगी आदित्यनाथ गोरखपुर संसदीय क्षेत्र से पांचवीं बार सांसद चुने गए थे। 19 मार्च को मुख्यमंत्री के पद का दायित्व संभालने के बाद चूंकि योगी को पद पर बने रहने के लिए विधानमंडल के दोनों सदनों में से किसी एक का छह माह में सदस्य बनना जरूरी था इसलिए उन्होंने 18 सितंबर को उप्र विधान परिषद की सदस्यता हासिल कर ली। 

नियमानुसार कोई भी व्यक्ति दोनों सदनों (लोकसभा व विधान परिषद) का दो सप्ताह से ज्यादा सदस्य नहीं रह सकता इसलिए पहले से ही तय माना जा रहा था कि योगी आदित्यनाथ जल्द ही लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे। 

14 दिन के अन्दर इस्तीफा देने की बाध्यता

विधान परिषद में चुने जाने के बाद इन दोनों के लिए अपनी सीटों से इस्तीफा देना विधान परिषद सदस्यता की शपथ लेने के 14 दिन के अन्दर जरूरी था। उस समय यह फैसला किया गया कि एक या दो अक्टूबर को लोकसभा से इस्तीफा देंगे।

तकनीकी तौर पर जिस दिन विधान परिषद में चुने जाने का प्रमाणपत्र मिलता है, उसी दिन से 14 दिन के अन्दर इस्तीफा दे देना चाहिए। अन्यथा 14 दिन बाद इनकी संसद सदस्यता स्वत: ही समाप्त हो जाएगी। प्रमाणपत्र तो पिछले आठ सितम्बर को मिला था। इस हिसाब से इन दोनों को 22 सितम्बर तक इस्तीफा दे देना चाहिए। इस नियम के तहत भाजपा नेतृत्व ने तय किया कि योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य एक दिन पहले 21 सितम्बर को एक साथ दिल्ली जाकर लोकसभा सीटों से इस्तीफा दे दें।


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