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महागठबंधन पर नीतीश का बड़ा बयान, बोले- जनता से किया कमिटमेंट करेंगे पूरा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि हमने बिहार की जनता की सेवा का जो कमिटमेंट किया है उसे पूरी तरह निभाएंगे। कुछ भी हो इस कमिटमेंट से पीछे नहीं हटेंगे।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 28 Jun 2017 12:39 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jun 2017 11:25 PM (IST)
महागठबंधन पर नीतीश का बड़ा बयान, बोले- जनता से किया कमिटमेंट करेंगे पूरा
महागठबंधन पर नीतीश का बड़ा बयान, बोले- जनता से किया कमिटमेंट करेंगे पूरा

पटना [जेएनएन]। राष्ट्रपति चुनाव में अलग-अलग प्रत्याशियों को समर्थन देने के मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू यादव की राय जुदा हो गई है। लेकिन राहें जुदा नहीं हुई हैं। जहां नीतीश कुमार राजग उम्मीदवार को अपना समर्थन दे रहे हैं, वहीं लालू यादव ने कांग्रेस प्रत्याशी मीरा कुमार को समर्थन दिया है। 

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इसी को आधार बनाकर तमाम छुटभैय्ये नेताओं से लेकर राजनीतिक जानकारों के बयान आने लगे कि महागठबंधन में दरार पैदा हो गई है और बिहार सरकार ज्यादा दिनों की मेहमान नहीं है। नीतीश के उठाये गए कदम की कांग्रेस ने भी आलोचना की तो जदयू की तरफ से भी कांग्रेस के खिलाफ बयानबाजी की गई।

इसके बाद बिहार में महागठबंधन का मामला काफी गरमाता हुआ नजर आ रहा था। लेकिन स्थिति की नजाकत को भांपकर दोनों पार्टी के नेताओं ने अपने-अपने सुर अब बदल लिए हैं। अब वरिष्ठ नेताओं को सामने आकर यह बयान देना पड़ रहा है कि उनका गठबंधन अटूट है और यह कायम रहेगा।  

महागठबंधन के भीतर मची हलचल के बाद आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी दो टूक कहा कि हमने जनता की सेवा का कमिटमेंट किया है और इसके लिए चाहे जितनी आफत आए हम पीछे नहीं हटेंगे।

नीतीश कुमार ने आज 'जमायत ए हिंद' की ओर अंजुमन इस्लामिया हॉल में आयोजित ईद मिलन समारोह में  ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि हम समाज को बदलने की कोशिश कर रहे हैं और यह काम अकेले संभव नहीं है। इसमें सबका सहयोग चाहिए। 

उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी का फैेसला कठिन था लेकिन इससे बिहार में एक नई शुरूआत हुई, समाज में एेसे ही बदलाव की जरूरत है और यह फैसला अटल है, कभी बदलेगा नहीं। इससे समाज में खुशहाली आई है, लोग अब शराब का सेवन नहीं करते, वैसे कुछ लोग इसके अपवाद भी हैं, लेकिन हम समाज में बदलाव देखना चाहते हैं और एेसा लाकर रहेंगे।

शराबबंदी के बाद अब नशाबंदी की ओर बिहार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से नशीले पदार्थों की तस्करी, उत्पादन, भंडारण और खरीद-बिक्री करने वाले तत्वों की दस करोड़ तक की चल व अचल संपत्ति जब्त करने का अधिकार राज्य सरकार को देने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी इस मांग पर केंद्र सरकार सहमत तो है लेकिन इसे प्रभावी बनाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार ने अब पूर्ण शराबबंदी के बाद पूर्ण नशाबंदी की ओर अपने कदम बढ़ा दिए हैं। यही कारण है कि देश भर में बिहार आज शराबबंदी और नशाबंदी का सबसे बड़ा प्रयोगशाला बन चुका है। उन्होंने कहा कि यदि भारत में पूर्ण शराबबंदी और नशाबंदी लागू हो जाए तो फिर विकास में हमारी उड़ान चीन से भी ऊंची हो जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी नशे के धंधेबाजों की संपत्ति जब्त करने का अधिकार राज्य सरकार को नहीं है। इसके लिए प्रवत्र्तन निदेशालय को प्रस्ताव भेजना पड़ता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में पिछले साल जब 5 अप्रैल को पूर्ण शराबबंदी का एलान किया गया था तब इस सफलता पर सवाल उठाए जा रहे थे।

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अपने स्थापनाकाल से ही शराबबंदी वाला राज्य गुजरात भी बिहार के शराबबंदी कानून से प्रेरणा लेकर अपने कानून में बदलाव करने की तैयारी में है। सीएम ने कहा कि शराबबंदी के बाद गांवों की तस्वीर बदल रही है। लोगों का जीवन स्तर बेहतर हो रहा है। साथ ही राज्य में पर्यटकों की संख्या में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

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