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महिला जज के यौन उत्पीड़न मामले में न्यायाधीश को 'क्लीन चिट'

सुप्रीम कोर्ट की एक समिति ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसके गंगेले को यौन उत्पीड़न के मामले में 'क्लीन चिट' दे दी है। उन पर ग्वालियर की पूर्व अपर जिला व सत्र न्यायाधीश (एडीएसजे) ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2015 09:49 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2015 09:55 PM (IST)
महिला जज के यौन उत्पीड़न मामले में न्यायाधीश को 'क्लीन चिट'

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की एक समिति ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसके गंगेले को यौन उत्पीड़न के मामले में 'क्लीन चिट' दे दी है। उन पर ग्वालियर की पूर्व अपर जिला व सत्र न्यायाधीश (एडीएसजे) ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। मामले की जांच करने वाली न्यायाधीशों की तीन सदस्यीय समिति ने कहा है कि आरोपों की पुष्टि के लिए कोई प्रमाण नहीं है।

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़, दिल्ली हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और राजस्थान हाई कोर्ट के न्यायाधीश अजय रस्तोगी की तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट को भारत के मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू ने स्वीकार कर लिया है। यह मामला पिछले साल अगस्त में सामने आया था। सूत्रों के अनुसार, इस समिति का मानना कि न्यायमूर्ति गंगेले को दोषी मानने के नतीजे पर पहुंचने के लिए पर्याप्त सुबूत नहीं हैं। समिति ने यह भी कहा है कि शिकायत करने वाली पूर्व एडीएसजे भी घटना के बारे में कहे अनुसार पूरी ईमानदारी से बताने के लिए समिति के समक्ष नहीं उपस्थित हुई।

इस मामले पर वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि समिति गलत निष्कर्ष पर पहुंची है और समिति ने कथित पीडि़ता की बेटी का बयान दर्ज कराने की 'जहमत नहीं उठाई'। उन्होंने कहा कि पुष्टि करने के लिए सुबूत नहीं होने की वजह से एडीएसजे की शिकायत अस्वीकार कर देना गलत है। विचार-विमर्श के बाद आगे क्या करना है यह तय किया जाएगा।

गत वर्ष दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने एडीएजे के आरोपों के मद्देनजर गंगेले के प्रशासनिक एवं पर्यवेक्षण के अधिकारों से वंचित कर दिया था। कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा न्यायमूर्ति गंगेले के अनुचित आचरण की जांच के लिए गठित दो न्यायाधीशों की समिति को भी खारिज कर दिया था।

ग्वालियर की पूर्व एडीएसजे ने हाई कोर्ट के न्यायाधीश गंगेले द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। वह अपनी शिकायत की न्यायिक समिति से जांच पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंची थीं।


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