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एनआइटी श्रीनगर में कक्षाएं शुरू, नहीं पहुंचे अधिकतर गैर कश्मीरी छात्र

एनआइटी श्रीनर में कक्षाएं शुरू हो गई है, इसके वाबजूद कई विद्यार्थी कक्षाओं में नहीं पहुंचे। वहीं एनएसयूआई के कई कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन भी किया।

By Manish NegiEdited By: Published: Mon, 25 Apr 2016 08:10 PM (IST)Updated: Mon, 25 Apr 2016 08:26 PM (IST)
एनआइटी श्रीनगर में कक्षाएं शुरू, नहीं पहुंचे अधिकतर गैर कश्मीरी छात्र

राज्य ब्यूरो, जम्मू। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) श्रीनगर में सोमवार को निर्धारित अधिसूचना के अनुसार कक्षाएं शुरू हो गईं, लेकिन संस्थान में पढ़ाई करने वाले कई राज्यों के गैर कश्मीरी और जम्मू के अधिकतर विद्यार्थी नहीं पहुंचे। केवल चौथे वर्ष के नाम मात्र और कश्मीरी छात्र ही कक्षाओं में बैठे।

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इस बीच, एनआइटी श्रीनगर में पढ़ने वाले जम्मू के विद्यार्थियों ने नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन किया। इस दौरान विद्यार्थियों व कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी हो गई। विद्यार्थियों व कार्यकर्ताओं ने हाथों में तिरंगे फहराते हुए सरकार विरोधी नारे लगाए और एनआइटी श्रीनगर कैंपस में सुरक्षित माहौल कायम करने व अन्य मांगें पूरी करने की मांग की।

एनएसयूआइ के प्रदेश प्रधान नीरज कुंदन के नेतृत्व में कार्यकर्ता व विद्यार्थी प्रेस क्लब के बाहर प्रदर्शनी मैदान के नजदीक इकट्ठा हुए और नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद जैसे ही विद्यार्थियों ने डोगरा चौक की तरफ बढ़ने का प्रयास किया तो वहां पर तैनात पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस दौरान विद्यार्थियों व कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ धक्का-मुक्की हो गई। इसके बाद विद्यार्थी व कार्यकर्ता रैली निकालते हुए तवी पुल से होकर विक्रम चौक पहुंचे और वहां पर सरकार विरोधी नारे लगाए।

विद्यार्थियों ने कहा कि उन्होंने कक्षाओं का बहिष्कार करने का फैसला किया है और अधिकतर विद्यार्थी श्रीनगर नहीं गए हैं। एनएसयूआइ के प्रदेश प्रधान नीरज कुंदन ने कहा कि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय गैर कश्मीरी विद्यार्थियों की मांगों को पूरा करने में नाकाम रही है। कैंपस में स्थायी तौर पर सीआरपीएफ की तैनाती की मांग की जा रही है, लेकिन इस ओर सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है। विद्यार्थी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।

विद्यार्थियों की मांगे

-कैंपस में स्थायी तौर पर सीआरपीएफ की तैनाती की जाए।

-एनआइटी के प्रशासनिक ढांचे का पुनर्गठन किया जाए।

-टीचिंग व नान टीचिंग में पचास प्रतिशत कोटा जम्मू-कश्मीर का हो और पचास फीसद कोटा देश के विभिन्न हिस्सों का हो।

-एनआइटी काउंसिल का गठन किया जाए। आनलाइन स्पेशल लाइन शिकायत सेल का गठन किया जाए।

-लाठीचार्ज करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

-एनआइटी में तिरंगा फहराने की अनुमति दी जाए।

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एनआइटी श्रीनगर में पढ़ाई करने वाले जम्मू के विद्यार्थियों के समर्थन में चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री सामने आ गई है। चैंबर के प्रतिनिधिमंडल ने उप मुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह से भेंट की। चैंबर के प्रधान राकेश गुप्ता ने स्पष्ट तौर पर कहा कि एनआइटी के मसले का समाधान समय पर करने में सरकार नाकाम रही है। विद्यार्थियों पर पुलिस लाठीचार्ज की निंदा करते हुए राकेश ने कहा कि कैंपस में स्थायी तौर पर सीआरपीएफ की तैनाती होनी चाहिए। स्थानीय पुलिस अपना विश्वसनीयता खो चुकी है। विद्यार्थियों पर लगाई गई ओपन एफआइआर को समाप्त किया जाए।

विद्यार्थियों की अन्य मांगों को जायजा ठहराते हुए उन्होंने कहा कि जिन अध्यापकों ने मामले को तूल देकर माहौल बिगाड़ा उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। अगर हमारे विद्यार्थियों के साथ सही व्यवहार नहीं किया गया और सुरक्षित माहौल उपलब्ध नहीं हुआ तो चैंबर चुप नहीं बैठेगा। राज्य के विकास व शांति के लिए जरूरी है कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हो। उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह ने चैंबर प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि सरकार ने प्रभावी कदम उठाए हैं। माहौल खराब करने वाले तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा।

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