केंद्र सरकार के फैसले के साथ आए CJI खेहर, हटाई लाल बत्ती
मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर ने अपनी गाड़ी से लाल बत्ती हटा दी है।सुप्रीम कोर्ट के जज केंद्र सरकार के इस फैसले की सराहना कर रहे हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जएस खेहर ने दूसरे न्यायाधीशों के लिए एक उदाहरण पेश किया है। उन्होंने वीआईपी कल्चर खत्म करने को लेकर केंद्र सरकार के फैसले पर अपनी गाड़ी से लाल बत्ती हटा दी है। सुप्रीम कोर्ट में जब मुख्य न्यायाधीश की कार घुसी तो उनकी गाड़ी से लाल बत्ती हटी हुई थी। हालांकि अभी भी कुछ जज हैं तो 1 मई का इंतजार कर रहे हैं।
न्यायाधीश जे चेलमश्वर, राजन गोगोई और मदन बी लोकुर ने भी अपनी कार से लाल बत्ती को हटा दिया है। सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों ने केंद्र सरकार के इस कदम की सराहना की है।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 3 साल पहले ही इस संबंध में सरकार से कदम उठाने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने लाल बत्ती को लेकर 2013 में ऐतिहासिक फैसला देते हुए कहा था कि लाल बत्ती और सायरन का दुरुपयोग रोकने के लिए नियम तय किए जाएं। मामले की सुनवाई कर रहे जज ने अपनी गाड़ी से लाल बत्ती हटवा दी थी।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उच्च संवैधानिक पद पर आसीन लोगों को लाल बत्ती देने की बात कही थी, लेकिन सरकार ने अब लाल बत्ती के कल्चर को पूरी तरह से खत्म करने का फैसला किया है।
क्या थे फैसले के मुख्य बिंदु
10 दिसंबर 2013 को सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन जस्टिस जीएस सिंघवी और जस्टिस सी नगप्पन की बेंच ने केंद्र शासित प्रदेश और राज्य सरकारों से कहा था कि वह 3 महीने में नियमों में बदलाव कर नई लिस्ट तैयार करे कि किसे लाल बत्ती दी जा सकती है।
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