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जज लोया की मौत से जुड़े सभी मामलों की अब सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

जज लोया मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया। अब केस से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में होगी।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Mon, 22 Jan 2018 11:00 AM (IST)Updated: Mon, 22 Jan 2018 03:52 PM (IST)
जज लोया की मौत से जुड़े सभी मामलों की अब सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
जज लोया की मौत से जुड़े सभी मामलों की अब सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

नई दिल्ली (जेएनएन)। जज लोया मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। जज लोया केस से संबंधित सभी मामलों की अब केवल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के दो केस को उच्चतम न्यायालय में ट्रांसफर कर दिए हैं। बता दें कि प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। सीजेआई दीपक मिश्रा की पीठ ने यह फैसला लिया है कि अब जज लोया के केस की कोई भी अर्जी हाईकोर्ट में दायर नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया के मामले से जुड़े सभी पक्षों से कहा है कि वह दास्तावेजों को कोर्ट के समक्ष पेश करें। अब इस मामले की अगली सुनवाई दो फरवरी को होगी। 

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अब नहीं होगी किसी भी हाईकोर्ट में सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया मामले में आदेश दिया कि अब किसी भी हाईकोर्ट में मामले से जुड़ी सुनवाई नहीं होगी। बॉम्बे हाईकोर्ट में लंबित दो याचिकाओं को ही सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, मामले की सुनवाई नियमानुसार होगी। 

बता दें कि महाराष्ट्र के एक पत्रकार बंधुराज संभाजी लोने और कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जज लोया की मौत की निष्पक्ष जांच कराने जाए की मांग की थी।

जज लोया की मौत पर सवाल

बता दें कि सीबीआई के दिवंगत जज बी एच. लोया की मौत पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। उनकी मौत को रहस्यमयी मौत करार देते हुए मीडिया में भी इस पर काफी चर्चा हुई। हालांकि उनके बेटे अनुज लोया ने रहस्यमयी मौत के सवाल को गलत बताते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनके पिता की मौत में साजिश की आशंका नहीं है।

2014 में हुई थी जज लोया की मौत
दिसंबर 2014 में 48 साल के जज लोया अपने साथी जज की बेटी की शादी में शरीक होने नागपुर गए थे। जहां उनकी अचानक तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका निधन हो गया। डॉक्टरों ने मौक की वजह हार्ट अटैक को बताया।

सोहराबुद्दीन केस को देख रहे थे जज लोया

साल 2005 में गुजरात पुलिस ने हैदराबाद से सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी को गिरफ्तार किया था। गुजरात पुलिस पर इन दोनों को फर्जी मुठभेड़ में मार डालने का आरोप है। 2006 में गुजरात पुलिस ने सोहराबुद्दीन शेख के साथी तुलसीराम प्रजापति को भी मार डाला गया। प्रजापति को सोहराबुद्दीन मुठभेड़ का गवाह माना जा रहा था। इस मामले को 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल को महाराष्ट्र में ट्रांसफर कर दिया और 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रजापति और सोहराबुद्दीन के केस को एक साथ जोड़ दिया। इस केस की सुनवाई शुरुआत में जज जेटी उत्पत कर रहे थे, लेकिन आरोपी अमित शाह के पेश ना होने पर नाराजगी जाहिर करने पर अचानक उनका तबादला कर दिया गया। फिर केस की सुनवाई जज बी एच लोया ने की। लेकिन दिसंबर 2014 में नागपुर में उनकी मौत हो गई।

यह भी पढ़ें: जस्टिस लोया की मौत के मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई 22 को


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