सीमा विवाद के साए में भारत-चीन रिश्तों की नई इबारत
सीमा विवाद को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए द्विपक्षीय रिश्तों की नई इबारत लिखने का इरादा लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग बुधवार को तीन दिनी भारत यात्रा पर पहुंचे। उनके भारत दौरे की शुरुआत अहमदाबाद से हुई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद उनके स्वागत के लिए दिल्ली से यहां आए। दोनों शासन प्रमुखों की मौजूदगी में गुजरात सरकार और चीन सरकार के बीच तीन महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।
अहमदाबाद। सीमा विवाद को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए द्विपक्षीय रिश्तों की नई इबारत लिखने का इरादा लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग बुधवार को तीन दिनी भारत यात्रा पर पहुंचे। उनके भारत दौरे की शुरुआत अहमदाबाद से हुई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद उनके स्वागत के लिए दिल्ली से यहां आए। दोनों शासन प्रमुखों की मौजूदगी में गुजरात सरकार और चीन सरकार के बीच तीन महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।
बुधवार अपरान्ह यहां पहुंचने के बाद राष्ट्रपति जिनपिंग को अहमदाबाद की होटल हयात ले जाया गया। होटल के द्वार पर प्रधानमंत्री मोदी ने उनका स्वागत किया। इसके बाद यहीं आयोजित संक्षिप्त समारोह में दोनों शासन प्रमुखों की मौजूदगी में तीन महत्वपूर्ण समझौते किए गए। इसके बाद जिनपिंग और मोदी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम पहुंचे, जहां उनका आश्रम परिवार की ओर से सूत की माला पहनाकर स्वागत किया गया।
जिनपिंग ने आश्रम में गांधीजी का चरखा भी चलाया। इसके बाद वे साबरमती नदी किनारे बने रिवर फ्रंट पार्क पहुंचे। यहां मोदी और जिनपिंग ने करीब पौने घंटे एकांत में चर्चा की। बुधवार देर रात जिनपिंग दिल्ली पहुंच गए, गुरुवार को उनके दिल्ली में कई कार्यक्रम हैं।
गुजरात में तीन समझौते
-चायना डेवलपमेंट बैंक और गुजरात इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के बीच राज्य में औद्योगिक पार्क की स्थापना का समझौता हुआ। यह पार्क विशेष तौर पर इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वस्तुओं के उत्पादन के लिए होगा।
-अहमदाबाद शहर और ग्वांगजू शहर के बीच सिस्टर सिटी समझौता हुआ। इसके तहत अहमदाबाद नगर निगम को चीन का स्वास्थ्य विभाग अर्बन हाइजिन और शैक्षणिक ढांचे के विकास में मदद करेगा।
-चीन के ग्वांगडोंग प्रांत और गुजरात सरकार के बीच सिस्टर स्टेट का समझौता किया गया है। इसका उद्देश्य दोनों प्रांतों के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों को बढ़ावा देना है।
एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत
इसके पूर्व राष्ट्रपति शी जिनपिंग पत्नी पेंग लियुआन और 70 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ कोलंबो से अहमदाबाद पहुंचे। एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया गया। गुजरात के राज्यपाल ओपी कोहली और मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल व केन्द्र तथा राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने उनकी अगवानी की।
केशर-कुंकुम का तिलक
-सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर एयर चायना के बोइंग-747 विमान पर उतरे चीन के राष्ट्रपति को गुजरात पुलिस की महिला इकाई ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
-जिनपिंग दंपति का विमानतल पर परंपरागत गुजराती चणिया-चोली पहनी महिलाओं ने केशर-कुमकुम का तिलक लगाकर अक्षत और पुष्प से स्वागत किया।
-गुजरात के आदिवासियों ने अपनी विशेषष पोषाक में लोक नृत्य पेश किया।
एक झूले में बैठे
जिनपिंग और मोदी ने साबरमती रिवर फ्रंट पार्क में एक झुले पर बैठकर एकजुटता और भाईचारे का संदेश दिया।
मंदारिन, अंग्रेजी और गुजराती में लगे होर्डिग
चीन के राष्ट्रपति के स्वागत में एयरपोर्ट से वस्त्रापुर स्थित होटल हयात तक के मार्ग में चीन की भाषा मंदारिन के अलावा अंग्रेजी और गुजराती में जिनपिंग के स्वागत में होर्डिग लगाए गए।
मुख्यमंत्री के रूप में चीन गए थे मोदी
प्रधानमंत्री मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब वे कई बार चीन यात्रा पर गए थे। इस दौरान उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व के साथ अच्छे रिश्ते बना लिए थे।
अहमदाबाद में ये समझौते हुए
1. चीन के ग्वांगडोंग प्रांत का गुजरात सरकार से सिस्टर स्टेट समझौता।
2. ग्वांगजू और अहमदाबाद शहर के बीच सिस्टर सिटी समझौता।
3. गुजरात में औद्योगिक पार्क के लिए दोनों देशों के वित्त संस्थानों में समझौता।
अहमदाबाद व ग्वांगजू शहर की विशेषताएं
-चीन के ग्वांगजू और अहमदाबाद शहर मिलते-जुलते स्वरूप के हैं। दोनों नदी किनारे बसे हैं। अहमदाबाद साबरमती नदी और ग्वांगजू पर्ल नदी के किनारे बसा है।
-दोनों शहरों का क्षेत्रफल भी 19-20 वर्ग किलोमीटर ही है।
-ग्वांगजू का द्रुतगामी सिटी बस सेवाओं का सिस्टम [बीआरटीएस] विश्व में दूसरे नंबर पर है। वहीं भारत में बीआरटीएस प्रोजेक्ट गुजरात के अहमदाबाद शहर में ही सफल रहा है।
-दोनों शहर औद्योगिक क्षेत्र में भी अपने-अपने देश में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।
उधर सीमा पर तनाव बरकरार
उधर लद्दाख में पिछले 11 दिन से चीनी खानाबदोशों ने भारतीय सीमा में घुस कर डेरा डाल रखा है। उन्होंने एक नहर का काम रकवा दिया है, जिसका क़़डा विरोध हो रहा है। लद्दाख के भाजपा सांसद तुपस्तान चेवांग ने इसे चीन का नीच कृत्य करार दिया है। चीन से बार-बार घुसपैठ और भारतीय सीमा में अतिक्रमण की कोशिशों का मुद्दा जिनपिंग-मोदी की गुरवार को दिल्ली में होने वाली मुलाकात में उठने की संभावना है। फिलहाल भारत संयमित रख अपनाए हुए है।
चीनी राष्ट्रपति का विरोध
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के भारत दौरे का विरोध शुरू हो गया है। तिब्बत में चीन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ और तिब्बत की आजादी की मांग को लेकर दिल्ली में रह रहे तिब्बती शरणार्थियों ने शी चिनफिंग के भारत दौरे का जमकर विरोध किया। तिब्बतियों ने मजनूं के टीले पर विरोध प्रदर्शन किया। इसके अलावा हिंदू सेना ने भी जंतर-मंतर पर चीनी राष्ट्रपति के दौरे का विरोध किया। हिंदू सेना भारतीय क्षेत्र में चीनी सेना के घुसपैठ के विरोध में यह प्रदर्शन कर रही है।