मेड इन इंडिया के ठप्पे पर बिक रहे चीनी पटाखे
जम्मू कश्मीर के उड़ी में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के प्रति चीन के लगातार नरम रुख को लेकर देशभर में चीनी सामानों का बहिष्कार हो रहा है। केंद्र सरकार इसबार प्रतिबंधित चीनी पटाखों
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : जम्मू कश्मीर के उड़ी में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के प्रति चीन के लगातार नरम रुख को लेकर देशभर में चीनी सामानों का बहिष्कार हो रहा है। केंद्र सरकार इसबार प्रतिबंधित चीनी पटाखों की बिक्री को लेकर बेहद सख्ती बरत रही है।
ऐसे में तस्करी कर भारतीय बाजार में लाए गए करोड़ों रुपये के चीनी पटाखे को खपाने के लिए अब व्यापारी नए-नए तरीकों का सहारा ले रहे हैं। पूर्वी भारत के प्रमुख पटाखा बाजारों का केंद्र कोलकाता में कई जगहों पर मेड इन इंडिया के ठप्पे लगाकर धड़ल्ले से प्रतिबंधित चीनी पटाखों की बिक्री की जा रही है।
इस बात की जानकारी मिलने के बाद पुलिस व पर्यावरण विभाग भी बेहद चिंतित है। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में राज्य के मुख्य सचिव बासुदेव बनर्जी को पत्र लिखकर सीमावर्ती क्षेत्रों से प्रतिबंधित चीनी पटाखे की तस्करी व प्रवेश रोकने को लेकर सतर्क किया था।
इधर चीनी पटाखे पर देशी लेबल लगाकर की जा रही बिक्री के सवाल पर कोलकाता के बड़ाबाजार के एक बड़े पटाखा व्यापारी का कहना है कि ऐसा नहीं करने पर उन्हें करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा। उनके मुताबिक चूंकि कई व्यापारी लाखों रुपये का माल स्टॉक कर चुके हैं, ऐसे में इसे खपाने के लिए दूसरा कोई रास्ता नहीं है।
चार गुना अधिक प्रदूषण फैलाते हैं चीनी पटाखे
विशेषज्ञों के अनुसार भारतीय पटाखों की तुलना में चीनी पटाखे चार गुना अधिक प्रदूषण फैलाते हैं। प्रयोगशाला में हुए विश्लेषण में पता चला है कि जिन खतरनाक रसायनों व विस्फोटकों के प्रयोग पर भारत में प्रतिबंध है चीनी पटाखों में उसका इस्तेमाल किया जाता है। पोटैशियम क्लोरेट, सल्फर, सल्फरेट आदि का प्रयोग यहां वर्जित है जबकि चीनी पटाखों में इनका इस्तेमाल होता है।
पढ़ें- तमिलनाडु : पटाखा फैक्ट्री में भीषण आग से 9 लोगों की मौत, 15 घायल
पढ़ें- चीनी सामानों के बहिष्कार के बीच चीन के निवेशकों को लुभाने में जुटा गुजरात