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इस तरह से भारत को अशांत करने में जुटी चीनी सेना, खुफिया एजेंसियां सतर्क

सीमा पर चल रही तनानती के बीच चीन प्रतिबंधित नक्सली संगठनों के माध्यम से भारत को अशांत करने में जुटा है।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Wed, 23 Aug 2017 08:08 AM (IST)Updated: Wed, 23 Aug 2017 08:08 AM (IST)
इस तरह से भारत को अशांत करने में जुटी चीनी सेना, खुफिया एजेंसियां सतर्क
इस तरह से भारत को अशांत करने में जुटी चीनी सेना, खुफिया एजेंसियां सतर्क

विष्णु चन्द्र पाल, पुरुलिया। प्रतिबंधित नक्सली संगठनों व नगा विद्रोहियों के माध्यम से देश को अशांत करने में जुटी चीनी सेना की गुप्तचर इकाई की साजिश का दैनिक जागरण द्वारा पर्दाफाश किए जाने के बाद खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। अरुणाचल प्रदेश, झारखंड, बंगाल, ओडिशा व छत्तीसगढ़ समेत नक्सल प्रभावित अन्य राज्यों में चीनी कनेक्शन की पड़ताल तेज हो गई है। अरुणाचल प्रदेश में चीनी गुप्तचरों के सहयोग से चलाए जा रहे उग्रवादी प्रशिक्षण कैंप को ध्वस्त करने की भी कार्रवाई शुरू हो गई है।

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विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, खुफिया इनपुट के बाद सोमवार को जहां झारखंड-ओडिशा में जानकारी जुटाने का काम चला तो अरुणाचल प्रदेश में सुरक्षा बलों ने चांगलांग जिले के सुदूर इलाकों में अभियान चलाया। इन्हीं इलाकों में चीनी सेना की गुप्तचर इकाई के अफसर नक्सलियों समेत अन्य विद्रोहियों को प्रशिक्षण देते हैं। खुफिया एजेंसियों ने दैनिक जागरण से भी जानकारी ली।

सुरक्षा बलों के ऑॅपरेशन के दौरान रेलांगकांग गांव में असम राइफल के जवानों व उग्रवादी संगठन एनएससीएन (खापलांग) के सदस्यों में भीषण मुठभेड़ हुई। इसी संगठन ने चीनी सेना के साथ नक्सलियों समेत अन्य विद्रोहियों को जोड़ा है। नगा उग्रवादी संगठन का दावा है असम राइफल के जवानों पर जवाबी कार्रवाई की गई। सुरक्षा बलों के सूत्रों ने नगा विद्रोहियों को भारी नुकसान होने की बात कही है। लगभग एक घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद नगा विद्रोही भागने को मजबूर हुए।

दूसरी ओर, जानकारी मिली है कि सुरक्षा बलों का ऑपरेशन शुरू होते ही नगा संगठन का मुखिया म्यामांर से भाग गया है जबकि चीनी सेना की गुप्तचर इकाई के अफसरों द्वारा की गई मीटिंग में शामिल झारखंड-बंगाल का माओवादी नेता रामाकृष्ण राव और संगठन के पोलित ब्यूरो का सदस्य वेनुगोपाल राव भी संभवत: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित वेलाडिला पहाड़ी क्षेत्र में छिप गए हैं।

बताते दें कि दैनिक जागरण ने एक दिन पहले खबर प्रकाशित की थी कि चीनी सेना के गुप्तचरों की पहल पर जुलाई महीने में अरुणाचल प्रदेश के सुदूर गांव में उग्रवादी संगठनों के नेताओं की बैठक बुलाई गई थी। बंगाल-झारखंड के नक्सली नेता भी इसमें शामिल हुए थे।

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