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भारत-चीन के बीच हिमालय फिर भी भविष्य में उससे खतरा : सेना

भारत के उप-सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शरत चंद ने कहा कि भारत और चीन के बीच हिमालय है, फिर भी चीन हमारे लिए खतरा बना हुआ है।

By Mohit TanwarEdited By: Published: Wed, 26 Jul 2017 08:24 AM (IST)Updated: Wed, 26 Jul 2017 10:09 AM (IST)
भारत-चीन के बीच हिमालय फिर भी भविष्य में उससे खतरा : सेना
भारत-चीन के बीच हिमालय फिर भी भविष्य में उससे खतरा : सेना

बीजिंग/नई दिल्ली ब्यूरो, एजेंसी। डोकलाम में भारत-चीन के जारी गतिरोध के बीच उप-सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शरत चंद ने कहा है कि कुछ वर्षो में चीन से भारत को खतरा पैदा हो जाएगा। वह भारत से पांच गुना बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है। उसका रक्षा बजट भी गोपनीय व उजागर, दो तरह का है।

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उधर, रक्षामंत्री अरुण जेटली ने गोला-बारूद की कमी वाली कैग की रिपोर्ट को पुरानी बताते हुए कहा, सेना गोला-बारूद से पूरी तरह लैस है। मंगलवार को जेटली ने राज्यसभा को आश्वस्त किया कि भारतीय सेना देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए गोला-बारूद से पूरी तरह सुसज्जित है। कैग की रिपोर्ट के मद्देनजर विपक्ष द्वारा रक्षा तैयारियों पर सवालों के जवाब में जेटली ने यह बात कही।

कैग ने कहा था कि सेना के पास सिर्फ 10 दिन का ही गोलाबारूद है। 2013 की है कैग की रिपोर्ट रक्षामंत्री ने कहा कि कैग की रिपोर्ट 2013 में सौंपी गई थी। उसके बाद हाल ही में एक अन्य रिपोर्ट सौंपी गई, लेकिन इस मामले में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। हथियारों और गोला-बारूद खरीद प्रक्रिया को आसान बनाया गया है, शक्ति का विकेंद्रीकरण किया गया और सेना पूरी तरह सुसज्जित है।

लगातार खतरा पैदा कर रहा : ले.जन

भारत के उप-सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शरत चंद ने कहा कि भारत और चीन के बीच हिमालय है, फिर भी चीन हमारे लिए खतरा बना हुआ है। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हमारे पश्चिम में पाकिस्तान है, जो कि छोटी अर्थव्यवस्था और छोटी आर्मी वाला देश है फिर भी वह हालात बिगाड़ने की साजिश करता रहता है। उसकी ये ये हरकतें चीन को फायदेमंद लगती हैं। चीन और पाकिस्तान काफी सुर मिला रहे हैं। चीन हमारे भविष्य के लिए खतरा बन सकता है। इसलिए हमें अपनी सुरक्षा पर खास ध्यान रखना चाहिए।

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डोकलाम में अवैध तरीके से डटा है भारत : चीन

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार को कहा कि सीमा पर हालिया विवाद के लिए भारत जिम्मेदार है और उन्होंने भारतीय सैनिकों से डोकलाम खाली करने को कहा। वांग ने कहा, सही और गलत क्या है, यह पूरी तरह स्पष्ट हो चुका है और यहां तक कि वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों ने खुले तौर पर कहा है कि चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में प्रवेश नहीं किया। इस तरह भारत ने स्वीकार कर लिया है कि वह चीनी क्षेत्र में घुसा।

उन्होंने एक बयान में कहा, इसका समाधान बेहद आसान है। भारत को ईमानदारी पूर्वक अपने सैनिकों को वापस बुला लेना चाहिए। उधर, भारत ने पहले ही अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि दोनों पक्षों को डोकलाम से सेना हटाकर बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिए।

डोभाल के दौरे को लेकर चीनी मीडिया दो फाड़

भारत के एनएसए अजित डोभाल के चीन दौरे से पहले चीन का सरकारी मीडिया दो खेमे में बंट गया है। चाइना डेली ने भारत-चीन के बीच गतिरोध खत्म होने की उम्मीद जताई। वहीं, ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि 'मुख्य योजनाकार'(डोभाल) के दौरे से चीन का रुख बदलेगा नहीं।

चाइना डेली ने लिखा कि सीमा पर टकराव से बचने के रास्ते तलाशे जाएंगे। वहीं, ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय में कहा गया कि भारतीय सुरक्षा बल जब तक अपने कदम पीछे नहीं लेंगे, चीन बात नहीं करेगा। डोभाल 27-28 जुलाई को ब्रिक्स बैठक में भाग लेने चीन जा रहे हैं।

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