वियतनाम के साथ हथियारों के सौदे पर चीन ने ओबामा को चेताया
वियतनाम के ऊपर से खतरनाक हथियारों की बिक्री पर से प्रतिबंध हटाने के ओबाम के इस कदम पर चीन नाराजगी जाहिर करते हुए अमेरिकी को चेताया है।
बीजिंग। वियतनाम के ऊपर से लंबे समय हथियारों की ब्रिकी पर लगे प्रतिबंध हटाने के अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की घोषणा पर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई है। चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को चेतावनी देते हुए मंगलवार को कहा कि वे एशिया के भीतर चिंगारी को ना सुलगाएं।
ओबामा ने सोमवार को अपने पहले वियतनाम दौरे में ये ऐतिहासिक कदम उठाया। इसके साथ ही, अमेरिकी राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि ऐसा उन्होंने चीन को ध्यान में रखकर नहीं किया। हालांकि, उन्होंने इस बात को माना कि दक्षिण चीन सागर में चीन की कार्रवाई को लेकर वियतनाम और अमेरिकी की चिंता सामान है।
ये भी पढ़ें- छोटे देशों को धमकाना बंद करें बड़े देश, विवाद का हो शांतिपूर्ण समाधान: ओबामा
इसमें कोई हैरानी नहीं कि बीजिंग इनसे पूरी तरह अप्रभावित रहा। बीजिंग का अपने दक्षिणी पड़ोसी राज्य के साथ जटिल संबंध रहा है। दोनों यहां पर वामपंथी सरकारें रही है और पश्चिमी लोकतंत्र से दूर रहे हैं। लेकिन, दोनों के बीच 1979 से लेकर अब तक लगातार खूनी संघर्ष जारी है। चीन और वियतनाम अब भी दक्षिण चीन सागर में छोटे द्वीपों पर अपने संप्रभुता को लेकर लगातार लड़ रहे हैं।
कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ‘चाइना डेली’ ने मंगलवार को अपने संपादकीय में चेताते हुए कहा कि अमेरिकी और वियतनाम चिंगारी को ना सुलगाए। मुखपत्र में ओबामा के हाल के वियतनाम को लेकर उठाए गए कदम को चीन के विकास पर अंकुश लगाने का एक प्रयास बताया है। इसमें आगे कहा गया कि अगर ये सच है तो यह क्षेत्रीय शांति और स्थायित्व के लिए एक बीमार संकेत है।
अमेरिका लगातार चीन पर दक्षिण चीन सागर में अपने मिलिट्री बेस बनाकर उसे सैन्यीकरण का आरोप लगा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ बीजिंग का कहना है कि वो संप्रभुता की खातिर अपने निर्विवादित द्वीपों की रक्षा कर रहा है। इसके साथ ही बीजिंग ने अमेरिका के ऊपर बेवजह मामले में दखल देने और चीन के विरोधी दावेदारों को उकसाकर चीन के प्रभाव को कम करने की कोशिश का आरोप लगाया है।