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ग्लोबल टाइम्स का दावा, बिहार तक रेल चलाना चाहता है चीन

चीन के सरकारी अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' के मुताबिक, तिब्बत के काइरांग शहर से सटे रसुवागढ़ी तक रेल पटरी बिछाने को लेकर नेपाल और चीन के बीच बातचीत पहले ही पूरी हो चुकी है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 24 May 2016 07:06 PM (IST)Updated: Wed, 25 May 2016 11:07 AM (IST)
ग्लोबल टाइम्स का दावा, बिहार तक रेल चलाना चाहता है चीन

नेपाल, जेएनएन। तिब्बत के रास्ते रेल और सड़क नेटवर्क के जरिये नेपाल में अपने प्रभाव का विस्तार कर रहे चीन की नजर अब भारत पर है। वह तिब्बत-नेपाल के बीच अपने रेल संपर्क को भारत तक बढ़ाने का इच्छुक है। बीजिंग चाहता है कि नेपाल के रसुवागढ़ी तक प्रस्तावित उसके रेल संपर्क मार्ग का विस्तार बिहार के बीरगंज तक हो। तर्क है कि इससे भारत और दक्षिण एशिया के साथ उसका परिवहन संपर्क बढ़ेगा। चीन के सरकारी अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' ने मंगलवार को यह जानकारी दी है।

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अखबार के मुताबिक, तिब्बत के काइरांग शहर से सटे रसुवागढ़ी तक रेल पटरी बिछाने को लेकर नेपाल और चीन के बीच बातचीत पहले ही पूरी हो चुकी है। काइरांग से नेपाल तक रेललाइन 2020 तक पहुंचने की उम्मीद है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित खबर में बताया गया है कि अगर राजीनामा हो जाए तो इस रेललाइन को भारत तक भी पहुंचाया जा सकता है क्योंकि रसुवागढ़ी से बिहार के बीरगंज की दूरी महज 240 किलोमीटर है।

अखबार की खबर में कहा गया है कि बिहार के लिए कोलकाता की बजाय इस रेल लिंक के जरिये चीन के साथ व्यापार करना आसान होगा। इससे समय, लागत और दूरी की बचत होगी। ध्यान रहे कि नेपाल के साथ अपने रेल और सड़क नेटवर्क के विस्तार को चीन रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण मानता है क्योंकि इसके जरिये ही नेपाल में भारत के प्रभाव को कम किया जा सकता है। वैसे विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालय के दुर्गम पहाड़ी रास्तों से होते हुए इतने महंगे बुनियादी ढांचे के निर्माण का तभी कोई महत्व होगा, जब इससे भारत भी जुड़ेगा।

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