डोकलाम विवाद के कारण भारत और नेपाल का यह महत्वाकांक्षी मिशन अटका
सर्वे ऑफ इंडिया इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को नेपाली अधिकारियों के साथ मिलकर अंजाम देना चाहता है। मगर इसमें हो रही देरी के पीछे डोकलाम विवाद को बताया जा रहा है।
नई दिल्ली। सिक्किम से लगी सीमा पर भारत और चीन के बीच पिछले दो महीने से जारी गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब इसका असर भारत और नेपाल के बीच एक मिशन पर देखने को मिल रहा है, जिसके तहत माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को फिर से मापने की योजना है। मगर माना जा रहा है कि भारत-चीन के बीच डोकलाम विवाद को लेकर इसमें देरी हो रही है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, सर्वे ऑफ इंडिया के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के तहत माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को फिर से मापने की योजना है। सर्वे ऑफ इंडिया नेपाली अधिकारियों के साथ मिलकर यह काम करना चाहता है और इसका मकसद अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय द्वारा जाहिर किए गए एक संदेह को दूर करना है। उनके अनुसार, 25 अप्रैल, 2015 को आए भयानक भूकंप के कारण माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई में बदलाव आ गया होगा।
सर्वे ऑफ इंडिया ने विदेश मंत्रालय के जरिए नेपाल को यह प्रस्ताव भेजा था। यह प्रोजेक्ट उसकी 250वीं वर्षगांठ को मनाने के लिए भी था। आधिकारिक रूप से माउंट एवरेस्ट की मौजूदा ऊंचाई 8,848 मीटर है। 1955 में सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा यह स्थापित की गई थी और नेपाल द्वारा मान्यता प्रदान की गई थी।
अब माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को फिर से मापने की योजना से संबंधित प्रस्ताव को भेजे तीन महीने हो गए, मगर सर्वे ऑफ इंडिया को अब भी नेपाल की तरफ से हां का इंतजार है। माना जा रहा है कि यह भारत-नेपाल का एक संयुक्त प्रयास होगा।
यह भी पढ़ें: डोकलाम विवाद पर बोले पूर्व थलसेना अध्यक्ष- चीन के साथ झड़प से इन्कार नहीं