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चीन ने की 70 लाख डिफॉल्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, भारत के लिए पेश की मिसाल

चीन ने अपने देश में बड़े डिफॉल्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Tue, 21 Feb 2017 12:40 AM (IST)Updated: Tue, 21 Feb 2017 10:55 AM (IST)
चीन ने की 70 लाख डिफॉल्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, भारत के लिए पेश की मिसाल
चीन ने की 70 लाख डिफॉल्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, भारत के लिए पेश की मिसाल

नई दिल्ली(जेएनएन)। देश से फरार विजय माल्या जैसे बैंक कर्ज के बड़े डिफॉल्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कैसे की जाए, इसका बेहतरीन सबक पड़ोसी चीन से सीखा जा सकता है। ऐसे ही मामले में चीन ने कर्जदारों और डिफॉल्टरों के खिलाफ सख्त कदम उठाया। एक अभूतपूर्व कार्रवाई में चीन के सुप्रीम पीपुल्स कोर्ट ने 67.3 लाख डिफॉल्टरों को काली सूची में डाल दिया।

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इसके अलावा बैंकों का कर्ज नहीं चुकाने वालों पर हवाई जहाज से यात्रा, लेन और क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने पर प्रतिबंध लगा दिया। कोर्ट ने ऐसे लोगों के प्रमोशन पर भी रोक लगा दी। अखबार ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

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रिपोर्ट के मुताबिक अब तक चीन सरकार ने 61.5 लाख लोगों को हवाई टिकट खरीदने से रोका है। हाई स्पीड ट्रेन से यात्रा करने से 22.2 लाख लोगों को प्रतिबंधित किया गया है। सुप्रीम पीपुल्स कोर्ट के आदेश पर अमल की प्रवर्तन ब्यूरो के प्रमुख मेंग जियांग ने पुष्टि की है।

मेंग ने कहा कि कोर्ट ने एयरलाइनों और रेलवे कंपनियों का सहयोग लेकर ऐसे लोगों के आधिकारिक पहचान पत्र के जरिये उन पर रोक लगाई। इसके बाद डिफॉल्टरों ने प्रतिबंधित पहचान पत्रों के बजाय पासपोर्ट के आधार पर हवाई यात्रा के टिकट खरीदने शुरू कर दिए। यह देख पासपोर्ट के आधार पर पाबंदी को लागू किया गया।

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अब तक 71,000 डिफॉल्टरों को कॉरपोरेट रिप्रजेंटेटिव और एक्जीक्यूटिव के बतौर काम करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अलावा डिफॉल्टरों के 5,50,000 लोन और क्रेडिट कार्ड आवेदनों को इंडस्टि्रयल एंड कॉमर्शियल बैंक ऑफ चाइना ने रोक दिया है।

अदालत की काली सूची में डाले गए डिफॉल्टरों में सरकारी कर्मचारी, स्थानीय विधायी और राजनीतिक सलाहकार निकायों के सदस्य, और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के कांग्रेस में प्रतिनिधि शामिल हैं। यही नहीं, कुछ के खिलाफ निष्कासन या पदावनति (डिमोशन) की कार्रवाई की गई है। कार्रवाई के डर से कम से कम दस लाख डिफॉल्टरों ने स्वेच्छा से अदालती आदेश का पालन किया है।

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