ISRO की कामयाबी पर चीन को जलन, बोला- भारत अब भी है पीछे
चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स के लेख में कहा गया है कि स्पेस के क्षेत्र में कामयाबी सिर्फ नंबर के आधार पर नहीं होती है।
नई दिल्ली(जेएनएन)। 104 सैटेलाइट के सफल प्रक्षेपण के बाद दुनियाभर में भारत का डंका बज रहा है। इसरो की कामयाबी पर दुनिया के अधिकतर देश भारत की प्रशंसा कर रहे हैं। लेकिन भारत के खाते में आयी ये कामयाबी चीन को हजम नहीं हो रही है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा है कि भारत अभी भी अंतरिक्ष कारोबार में अमेरिका और चीन से काफी पीछे है।
चीन अखबार ग्लोबल टाइम्स के एक लेख में कहा गया है कि स्पेस के क्षेत्र में कामयाबी सिर्फ नंबर के आधार पर नहीं होती है, इसलिए यह एक सीमित कामयाबी है और यह बात भारतीय वैज्ञानिक भी जानते हैं। इसके साथ ही इस लेख में कहा गया है अभी तक भारत की ओर से स्पेस स्टेशन के लिए कोई भी प्लान नहीं है, तो वहीं मौजूदा समय में भारत का कोई भी एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष में नहीं है। उनके अनुसार, चीन के दो एस्ट्रोनॉट्स ने पिछले साल 30 दिन अंतरिक्ष में बिताए थे।
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इससे पहले, जब भारत ने मंगलयान का सफल मिशन किया था तो चीनी मीडिया ने उसे पूरे एशिया के लिए गौरव की बात बताया था और कहा था कि वह भारत के साथ मिलकर स्पेस के क्षेत्र में काम करना चाहता है।गौरतलब है कि भारत में इसरो ने बुधवार को मेगा मिशन के जरिए विश्व रिकॉर्ड बना लिया है। PSLV के जरिए एक साथ 104 सैटेलाइट का सफल लॉन्च किया गया। इनमें से तीन भारतीय सैटेलाइट व 101 विदेशी सैटेलाइट है। अभी तक यह रिकार्ड रूस के नाम था, जो 2014 में 37 सैटेलाइट एक साथ भेजने में कामयाब रहा।
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