Move to Jagran APP

चीन का फरमान, ‘सद्दाम’ और ‘जिहाद’ जैसे न रखें बच्चों के नाम

इसके बारे में एक प्रमुख मानवाधिकार समूह का कहना है कि इस कदम से इस समुदाय के बच्चे शिक्षा और सरकारी योजनाओं के लाभों से वंचित होंगे।

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 25 Apr 2017 04:23 PM (IST)Updated: Tue, 25 Apr 2017 06:04 PM (IST)
चीन का फरमान, ‘सद्दाम’ और ‘जिहाद’ जैसे न रखें बच्चों के नाम
चीन का फरमान, ‘सद्दाम’ और ‘जिहाद’ जैसे न रखें बच्चों के नाम

बीजिंग, प्रेट्र : चीन ने शिनजियांग प्रांत में बढ़ते धार्मिक कट्टरता पर अंकुश लगाने के लिए नया कदम उठाया है। उसने मुस्लिमों पर अपने बच्चों का 'सद्दाम', 'जिहाद' और 'इस्लाम' जैसे नाम रखने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे नाम वाले बच्चे स्कूलों में दाखिल और सरकारी लाभ पाने से वंचित होंगे। इस प्रांत में मुस्लिम उइगरों की बड़ी आबादी रहती है।

loksabha election banner

अधिकार समूह ह्यूमन राइट्स वॉच ने बताया कि शिनजियांग के अधिकारियों ने हाल ही में दर्जनों इस्लामिक नामों को प्रतिबंधित कर दिया है। ये नाम पूरी दुनिया में मुस्लिम आमतौर पर अपने बच्चों का रखते हैं। रेडियो फ्री एशिया ने एक अधिकारी के हवाले से बताया कि इस्लाम, कुरान, मक्का, जिहाद, इमाम, सद्दाम, हज और मदीना जैसे नामों पर रोक लगाई गई है। प्रतिबंधित नाम वाले बच्चों का पंजीकरण नहीं होगा। यह स्कूल में दाखिले और दूसरी सेवाओं को पाने के लिए आवश्यक होता है। इस नए उपाय को अशांत शिनजियांग प्रांत में आतंकवाद से मुकाबले का हिस्सा माना जा रहा है।

चीन ने हाल ही में प्रांत के मुस्लिम उइगरों के असामान्य दाढ़ी रखने और सार्वजनिक स्थानों पर नकाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने समेत कई नए नियम बनाए थे। यहां करीब एक करोड़ मुस्लिम उइगर रहते हैं। हाल के सालों में यहां सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं। इस अशांति के लिए बीजिंग इस्लामिक आतंकियों और अलगाववादियों को जिम्मेदार ठहराता है।

इसे भी पढ़ें: तो इसलिए चीन ने बदला अरुणाचल प्रदेश में छह स्थानों के नाम!


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.