बीमारी ने ली हक्कानी नेटवर्क के मुखिया की जान
आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के मुखिया जलालुद्दीन हक्कानी की मौत हो चुकी है। तालिबान से जुड़े सूत्रों ने बताया कि एक साल पहले बीमारी से उसकी मौत हो गई। उसे अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत में दफनाया गया है। अमेरिका ने उस पर एक करोड़ डॉलर का ईनाम घोषित कर रखा
इस्लामाबाद। आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के मुखिया जलालुद्दीन हक्कानी की मौत हो चुकी है। तालिबान से जुड़े सूत्रों ने बताया कि एक साल पहले बीमारी से उसकी मौत हो गई। उसे अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत में दफनाया गया है। अमेरिका ने उस पर एक करोड़ डॉलर का ईनाम घोषित कर रखा था। हक्कानी नेटवर्क अफगानिस्तान में तालिबान के बाद सबसे खतरनाक संगठन माना जाता है। काबुल में 2008 में भारतीय दूतावास पर हुए हमले के पीछे इसी संगठन का हाथ था।
जलालुद्दीन की मौत कहां हुई यह साफ नहीं है। अमेरिका और अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसियों के अनुसार पाकिस्तानी सेना का अभियान शुरू होने के बाद पिछले साल जून में उसने उत्तरी वजीरिस्तान छोड़ दिया था। पाकिस्तान के अलावा सऊदी अरब से भी उसके संबंध रहे हैं। अफगानिस्तान में सोवियत संघ की सेना के खिलाफ भी उसने लड़ाई लड़ी थी। उसके 10 बेटे थे। इनमें से तीन की मौत ड्रोन हमले में हो चुकी है। एक और बेटे की 2013 में इस्लामाबाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
तालिबान का नंबर दो है बेटा
सूत्रों के अनुसार जलालुद्दीन के बेटे सिराजुद्दीन को संगठन का नया मुखिया बनाया गया है। वह खलीफा के नाम से भी जाना जाता है। मुल्ला उमर की मौत के बाद उसे अफगान तालिबान का उप प्रमुख भी बनाया गया है। हक्कानी नेटवर्क के अल-कायदा और तालिबान दोनों से संबंध रहे हैं।