अपने स्कूल पहुंचकर भावुक हुए चीफ जस्टिस, पुराने टीचरों को देखकर निकले आंसू
टीएस ठाकुर इससे पहले भी अपने जम्मू दौरे के दौरान भावुक हो चुके हैं। मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद जस्टिस ठाकुर 27 फरवरी 2016 को पहली बार जम्मू आए थे।
जम्मू, जागरण संवाददाता। जम्मू: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टीएस ठाकुर शनिवार को अपने बचपन के स्कूल सेंट्रल बेसिक हायर सेकेंडरी पहुंचकर बेहद भावुक हो गए। पुराने अध्यापकों के बीच बचपन के दिन याद कर उनके आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। वह एक निजी संस्था की ओर से आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने जम्मू आए थे। जस्टिस ठाकुर ने अपनी शुरुआती शिक्षा पुरानी मंडी के स्कूल से हासिल की थी।
हेड मास्टर गोविंद राम जी से मिलता था एक रुपया ईनाम
टीएस ठाकुर ने कहा कि जब वह किसी प्रतिस्पर्धा या परीक्षा में प्रथम आते थे तो उनके हेड मास्टर गोविंद राम जी उन्हें ईनाम के रूप में एक रुपया देते थे। उनका वो ईनाम हमेशा उन्हें जिंदगी में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहा। इस मौके पर राज्य के चीफ जस्टिस वसंथा कुमार, जस्टिस आर सुधाकर, कानून मंत्री अब्दुल हक, शिक्षा राज्यमंत्री प्रिया सेठी मौजूद रहे।
पहले भी हो चुके हैं भावुक
टीएस ठाकुर इससे पहले भी अपने जम्मू दौरे के दौरान भावुक हो चुके हैं। मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद जस्टिस ठाकुर 27 फरवरी 2016 को पहली बार जम्मू आए थे। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में चीफ जस्टिस अपने संबोधन के दौरान भावुक होकर रो पड़े थे। इसके बाद स्टेट लीगल अथारिटी की ओर से जम्मू यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम में भी वह अपने संबोधन के दौरान भावुक हो गए थे।
स्कूल की दशा देख हुए दंग
चीफ जस्टिस शनिवार को अपने स्कूल पहुंचे तो उसकी हालत देखकर दंग रह गए। उन्होंने कहा कि इसकी हालत तो पचास साल पहले जैसी ही है। आज भी डेस्क और खिड़कियां टूटी हैं।कश्मीर में आए दिन स्कूल जलाए जाने की घटनाओं पर चिंता प्रकट करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि यह कश्मीर के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।
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