छत्तीसगढ़ के प्रोजेक्ट ‘ड्रीम 30’ की मदद से आगे बढ़ रहे गरीब बच्चे
छत्तीसगढ़ में जिला स्तर पर बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता सुधार के लिए चलाए जा रहे ड्रीम 30 प्रोजेक्ट में शामिल दो छात्र दसवीं की परीक्षा के टॉपर्स में हैं।
रायपुर (एएनआई)। छत्तीसगढ़ दसवीं बोर्ड परीक्षा में जिले के छात्रों को मेरिट में स्थान दिलाने वाले ड्रीम-30 प्रोजेक्ट की शुरुआत 2016 में राज्य सरकार ने की थी। इस बार दसवीं बोर्ड परीक्षा में आने वाले दस टॉपर छात्रों में से ड्रीम 30 के दो छात्र हैं।
67 फीसद आदिवासी जनसंख्या वाले गरीब जिले में मई 2016 को सरकार ने इस कार्यक्रम को गरीब परिवारों से आए बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के लिए शुरु किया था।
जशपुर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट प्रियंका शुक्ला ने बताया, ‘संकल्प नाम से एक सरकारी कार्यक्रम पहले से ही चलाया जा रहा है जिसमें 150 छात्र हैं लेकिन इसमें कक्षा दसवीं के बाद के छात्रों को लिया जाता है। हमें लगा कि मेहनती छात्रों के लिए आधार बनाने का एक मौका उपलब्ध कराना चाहिए और हमने ड्रीम 30 लांच किया। डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन द्वारा ड्रीम 30 को फंड प्रदान किया गया था।‘
इस स्कीम के तहत 200 छात्रों ने आवेदन किया और 30 का चयन रेसीडेंशियल स्कूल के लिए हुआ। 96 फीसद अंक पाने वाले छात्रों में से चार छात्र हैं जिनमें से दो टॉपर रहे। मेडिकल स्टोर पर कार्यरत महेंद्र कुमार बेहेरा के बेटे ने 97.17 फीसद अंक के साथ चौथा पोजिशन प्राप्त किया वहीं 96.83 फीसद के साथ अनूप भगत ने छठा पोजिशन हासिल किया। दो लड़कियां फिल्की लहरे और पूर्णिमा ने 96 फीसद अंक प्राप्त किया है।
शुक्ला ने बताया कि ड्रीम 30 के 60 फीसद छात्रों ने 90 फीसद से अधिक अंक प्राप्त किया है। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने जशपुर दौरे में छात्रों को प्रोत्साहित किया। कुल मिलाकर 3.86 लाख छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे जिसमें से 61.04 फीसद उतीर्ण हो गए। पिछले वर्ष यह प्रतिशतता 55.32 फीसद थी।
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