पटना। आस्था के लोकपर्व छठ के मौके पर लाखों छठव्रतियों ने बुधवार के दोपहर बाद गंगा समेत सभी पवित्र नदियों, तालाबों, पार्कों और छतों पर बने विशेष जलकुंड के किनारे छठी माई की पूजा की। घुटने तक पानी में खड़े होकर छठव्रतियों और श्रद्धालुओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। छठी माई के गीत गाए गए। गुड़ व शुद्ध घी से बने ठेकुआ, फल, मूली, सुथनी, हल्दी जैसी हरी सब्जियां और ईख-नारियल जैसे पारंपरिक प्रसाद के साथ देवी आराधना की गई। पुत्र व सुहाग की रक्षा की गुहार लगी। प्रकृति पूजन के पर्व छठ को लेकर श्रद्धालुओं में धार्मिक श्रद्धा और उत्साह का माहौल है। छठ व्रतियों ने 36 घंटों का उपवास रखा है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए गंगा घाटों सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं।
दोपहर बाद से ही पटना की हर राह पर गंगा घाट की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं से पट गई। घाटों पर पहुंचकर श्रद्धालुओं ने प्रसाद से भरे दउरा (बांस से बनी टोकरियां) को छठी माई के चरणों में समर्पित किया। कोसी भरने वाली व्रतियों ने एक अस्थाई मंडप के नीचे इसे सुरक्षित रखा। इस मंडप को गन्ने बनाया गया। फिर व्रती और परिवारजन कमर भर पानी में खड़े हो गए। उन्होंने पश्चिम के आकाश में डूबते हुए भगवान भास्कर की वंदना की। अघ्र्य अर्पित किया। उसके बाद छठी माई की वंदना की।
छठ के मधुर गीतों से पूरा माहौल इन दिनों भक्तिमय हो गया है और हर तरफ उत्साह देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की पत्नी ने अपने गांव महाकार में पूजा अर्चना की। माननीयों के बंगले में इस बार छठ के गीत कम सुने गए। पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के परिजनों व पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी ने तो इस बार छठ का व्रत नहीं किया। इन प्रमुख नेताओं के यहां प्रति वर्ष छठ पूजा होती थी।
राजधानी पटना में छठ शांति से और बिना किसी अप्रिय घटना के पर्व संपन्न हो, इसके लिए बिहार सरकार ने व्यापक इंतजाम किए हैं। औरंगाबाद में देवस्थल के सूर्य मंदिर, नालंदा के बडग़ांव और पटना जिले के पंडारक के मंदिर में लाखों श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की। हर बार की तरह प्रदेश के विभिन्न जेलों में बंद कैदी भी छठ पूजा कर रहे हैं और जेल प्रशासन ने उनके लिए विशेष इंतजाम किए हैं।
देखें तस्वीरें : छठ पर आंगन से घाट तक जीवंत हुई आस्था
देखें तस्वीरें : छठ पर व्रतियों ने दिया अर्घ्य