रेल मंत्री सुरेश प्रभु का फरमान, ट्रेन लेट हुई तो होगी कार्रवाई
प्रभु ने संबंधित अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि या तो वे ट्रेनों का समय दुरुस्त करें या फिर कार्रवाई के लिए तैयार हो जाएं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। देरी से चलती ट्रेनों के बारे में लगातार कई शिकायतें मिलने के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इसे बेहद गंभीरता से लिया है। प्रभु ने इससे संबंधित अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि या तो वे ट्रेनों का समय दुरुस्त करें या फिर कार्रवाई के लिए तैयार हो जाएं।
ट्रेन में देरी रोकने के लिए बकायदा जोनल प्रमुखों से कहा गया है कि वे सीनियर स्तर के अधिकारियों को रात कि शिफ्ट 10 बजे से सुबह 7 बजे के बीच लगाएं ताकि वह पूरी स्थिति की निगरानी कर सके। इसके अलावा, सुरेश प्रभु ने इंडियन रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट नेशनल ट्रेन एन्क्वायरी सिस्टम पर ट्रेन के समय सारिणी और वास्तविक ट्रेन टाइमिंग्स में अंतर पर संज्ञान लिया है। रेलमंत्री ने अधिकारियों को लिखे खत में इन समस्याओं के ठीक करने के लिए तुरंत उठाए जानेवालों कदमों पर भी जवाब मांगा है।
समय के पालन को लेकर 1 से 16 अप्रैल के बीच पंचुअलिटी के मामले में दर करीब 79 फीसदी रही। हालांकि, पिछले वर्ष इसी दौरान यह 84 फीसदी थी। इस लिहाज से यह कहा जा सकता है कि इसमें पिछले वर्ष की तुलना में 4 प्रतिशत की गिरावट आई है।
जोनल रेलवे के परफॉर्मेंस के हिसाब से पंचुअलिटी के मामले जो बड़ी गिरावट आई है वह इस प्रकार है- ईस्टर्न रेलवे(-8.9%), नॉर्थ ईस्टर्न रेलव (-11%), ईस्ट सेंट्रल रेलवे (-10%), साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे (-11%), वेस्ट सेंट्रेल रेलवे (-8%) और कोंकण रेलवे (-6.9%)।
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जोनल प्रमुखों को रेल मंत्री की तरफ से लिखे खत के मुताबिक, पंचुअलिटी को लेकर प्रमंडल के हिसाब किए गए विश्लेषण से पता चला है कि 11 प्रमंडल जिनमें वाराणसी, मुंबई, संबलपुर, दानापुर, समस्तीपुर, झांसी, जबलपुर में अपेक्षा से ज्यादा देरी की जाती है।
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने एक अप्रैल से 16 अप्रैल के बीच पंचुअलिटी के मामले में आई चार फीसदी की गिरावट को बेहद गंभीरता के साथ लिया है। पत्र के अनुसार, प्रभु ने यह निर्देश दिया है कि इन प्रमंडलों को बेहद करीब से रात के 10 बजे से सुबह के 7 बजे तक सीनियर अधिकारियों की तरफ से मॉनिटर तत्काल प्रभाव से किया जाए।
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