मोदी सरकार के तीन साल में चरम पर रहे अराजकता और भ्रम: शिवसेना
एनडीए ने सरकार का इसलिए समर्थन दिया था कि कालाधन वापस आएगा और गरीब के खाते में 15 लाख रुपये आएंगे लेकिन अभी तक इस तरह का कोई भी वादा नहीं निभाया गया।
मुंबई, पीटीआई। मोदी सरकार को तीन साल होने वाले हैं। पिछले कई दिनों से सरकार पर हमले करने वाली सहयोगी पार्टी शिवसेना ने एक बार फिर हमला बोला है। शिवसेना ने कहा है कि मोदी सरकार के तीन सालों में देश में अराजकता और भ्रम पैदा हुआ है और अगर किसी तरह का जश्न मनाया जाता है तो इसका मतलब होगा कि सरकार को नाराज लोगों, किसानों की मौत और सैनिकों के बलिदान की कोई परवाह नहीं है।
शिवसेना ने कहा कि देश में लोग नाराज हैं, किसान आत्महत्या कर रहे हैं और सैनिक अपने जीवन का बलिदान दे रहे हैं ऐसे में भी कोई अगर सरकार के तीन सालों की सफलता का जश्न मनाना चाहता है तो इसका मतलब है कि वो इन मुद्दों को लेकर कोई परवाह नहीं करते।
शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय पेज पर इस तरह की बातों को जगह दी गई है। सामना में आगे लिखा गया कि हजारों करोड़ रुपये स्वच्छ भारत अभियान पर खर्च कर दिए गए क्या अभी तक देश साफ हो पाया है? गंगा की सफाई के लिए महंगा कार्यक्रम चलाया गया क्या अभी तक गंगा की सफाई हुई है?
शिवसेना ने कहा कि एनडीए ने सरकार का इसलिए समर्थन दिया था कि कालाधन वापस आएगा और गरीब के खाते में 15 लाख रुपये आएंगे लेकिन अभी तक इस तरह का कोई भी वादा नहीं निभाया गया। सरकार में रहने से पहले वो कहते थे कि पाकिस्तान को माकूल जवाब मिलेगा लेकिन देश के जवान शहीद हो रहे हैं और सरकार सिर्फ नोटिस जारी कर रही है।
शिवसेना ने सरकार से सवाल किया कि क्या मोदी सरकार को सिर्फ चेतावनी जारी करने के लिए जनता ने वोट दिया। देश की मौजूदा स्थिति अराजकता और भ्रम की हो गई है। बेरोजगारी बढ़ रही है और रुपये की कीमत घट रही है।
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