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रिश्तों के खलनायक को मिली कैदियों की लानत

मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को जिंदा जलाते समय आरटीआइ कार्यकर्ता चंद्रमोहन शर्मा की रूह तक न कांपी हो, लेकिन जेल की चहारदीवारी को देखते ही उसका शरीर थरथराने लगा। ब्लड प्रेशर हाई हो गया। कैदियों के हमले की चिंता भी सताने लगी। पत्नी के साथ प्रेमिका को भी धोखा देने वाले रिश्तों के खलनायक चंद्रमोहन पर

By Edited By: Published: Sat, 30 Aug 2014 09:55 PM (IST)Updated: Sat, 30 Aug 2014 09:55 PM (IST)
रिश्तों के खलनायक को मिली कैदियों की लानत

ग्रेटर नोएडा, धर्मेद्र चंदेल। मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को जिंदा जलाते समय आरटीआइ कार्यकर्ता चंद्रमोहन शर्मा की रूह तक न कांपी हो, लेकिन जेल की चहारदीवारी को देखते ही उसका शरीर थरथराने लगा। ब्लड प्रेशर हाई हो गया। कैदियों के हमले की चिंता भी सताने लगी। पत्नी के साथ प्रेमिका को भी धोखा देने वाले रिश्तों के खलनायक चंद्रमोहन पर किसी कैदी ने हमला तो नहीं किया, लेकिन अपनी बातों से लानत की बरसात जरूर कर दी। इससे पहले अदालत से शुक्रवार शाम करीब छह बजे पुलिस टीम उसे लुकसर स्थित जिला जेल लेकर पहुंची। द्वार में प्रवेश करते ही वह रोने लगा। उसने शरीर के कांपने की शिकायत जेल कर्मियों से की। स्वास्थ्य जांच में सब कुछ सामान्य मिला। थोड़ा ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ था।

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कैदियों द्वारा हमले की आशंका से बुरी तरह से घबराये चंद्रमोहन शर्मा ने जेल में प्रवेश करते हुए कर्मचारियों से सुरक्षा की गुहार लगाते हुए कहा कि उसे ऐसे बैरक में रखा जाए, जहां अन्य कैदी न हों। रात में कैदी उस पर हमला कर सकते हैं। जेल प्रशासन ने उसकी मांग ठुकराते हुए उसे बैरक नंबर 02 ए में रखा। इस बैरक पिछले दस दिनों में जेल भेजे गए बंदियों और कैदियों को रखा जाता है।

काल कोठरी में कटी काली रात

कभी आरटीआइ के हथियार से अधिकारियों की नाक में दम करने वाले चंद्रमोहन की शुक्रवार की रात जेल की काल कोठरी में ही कटी। बैरक में घुसते मौजूद कैदियों ने उसे इस तरह हिकारत की नजर से देखा कि उसका चेहरा फक पड़ गया और आंखों से आंसू टपक पडे़। बैरक के एक कोने में बैठकर वह काफी देर तक रोता रहा। किसी कैदी ने उसे चुप नहीं कराया, उलटे उसके इस कृत्य पर लानत के ताने जरूर मारे। पूरी रात वह सो नहीं पाया। करवट बदलकर ही उसने रात गुजारी। इस दौरान वह कई बार खड़ा हुआ और टहला भी।

रातभर प्रशासन रहा चौकस

हालांकि, अन्य कैदियों द्वारा हमले की आशंका के मद्देनजर जेल प्रशासन पूरी रात चौकन्ना रहा। चंद्रमोहन को रात के खाने में दाल-रोटी दी गई। वह सिर्फ एक रोटी ही खा पाया। इसके बाद उसे बैरक में भेज दिया गया। जेल प्रशासन ने उसे एक कंबल, एक दरी व एक थाली दी। शनिवार सुबह नाश्ते में उबले हुए चने दिए गए। भूख के चलते उसने दो बार चने मांगे। जेल प्रशासन ने उसे अतिरिक्त चने दे दिए।

कैदियों में चंद्रमोहन के कृत्य को लेकर गुस्सा सुबह भी बरकरार था। यही वजह थी कि सुबह भी किसी कैदी ने उससे बात नहीं की। वह अकेला ही खड़ा रहा। हालांकि, एक कर्मचारी से उसने जरूर पूछा कि जेल में कैदियों की दिनचर्या क्या होती है? कैदियों को कोई परेशानी तो नहीं होती। सुबह दस बजे कासना कोतवाली पुलिस उसे तीन दिन के रिमांड पर जेल से ले आई।

तब नायक अब खलनायक

आरटीआइ के हथियार से कई खुलासे करने वाले चंद्रमोहन शर्मा को ग्रेटर नोएडा शहर और देहात में नायक का दर्जा हासिल था। लेकिन एक मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति का जिंदा जलाने वाला यह आरटीआइ कार्यकर्ता जिले का सबसे बड़ा खलनायक बनकर उभरा है। चंद्रमोहन के कृत्य को लेकर लोगों में इस कदर गुस्सा है कि शुक्रवार को अदालत में पेशी के दौरान एक युवक से उसे थप्पड़ तक जड़ दिया था। इसके बाद वहां मौजूद लोगों ने उसे फांसी लगाने के लिए नारे भी लगाए।

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