जम्मू-कश्मीर में सतर्कता बढ़ाने के केंद्र के निर्देश
आतंकी हमले में सीआरपीएफ के आठ जवानों के मारे जाने के बाद गृह मंत्री की यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात की समीक्षा की। उन्होंने सुरक्षा बलों को राज्य सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए। शनिवार को आतंकी हमले में सीआरपीएफ के आठ जवानों के मारे जाने के बाद गृह मंत्री की यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
करीब एक घंटे तक चली बैठक में गृह मंत्री को जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश की आतंरिक सुरक्षा शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाए कदमों की जानकारी दी गई। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि, खुफिया एजेंसियों के प्रमुख और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। आधिकारिक सूत्रों के घुसपैठ सहित खुफिया एजेंसियों से मिले विभिन्न इनपुट की समीक्षा की गई।
पांपोर में शनिवार को सीआरपीएफ के आठ जवानों के मारे जाने पर चिंता जताने के साथ ही गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने और सतर्कता बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। पांपोर हमले अगर कहीं चूक हुई है तो उसकी जांच के लिए गृह मंत्री पहले ही तीन सदस्यीय टीम गठित कर चुके हैं। ताकि इस तरह की वारदातों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कदम उठाए जा सकें। तीन सदस्यीय टीम सीमा पार से घुसपैठ बढ़ने का आकलन करने के साथ-साथ अर्द्ध सैन्य बलों की आवाजाही के दौरान अपनाएं जानी वाली प्रक्रिया का भी अध्ययन करेगी।
मिलेगा शहीद का दर्जा
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के हमले में मारे गए आठ सीआरपीएफ जवानों को शहीद का दर्जा मिलेगा। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने मंगलवार को यह जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'शहीद घोषित करने की कोई औपचारिक नीति नहीं है। हालांकि सरकार उन सभी को शहीद मानती है जिन्होंने देश की सेवा करते हुए जान गंवाई। शनिवार को पुलवामा में अपनी जान गंवाने वाले आठ सीआरपीएफ जवानों को निश्चित तौर पर शहीद माना जाएगा।'
सातवां वेतन आयोग भी ऐसे मामलों में मारे गए जवानों को शहीद का दर्जा देने के पक्ष में है। पिछले साल 19 नवंबर को सरकार को सौंपी गई सिफारिशों में आयोग ने कहा है कि ड्यूटी के समय मौत के मामले में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवानों को भी सैनिकों की तरह शहीद का दर्जा मिलना चाहिए। देश के पांच अर्धसैन्य बलों केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में करीब 10 लाख जवान कार्यरत हैं।