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तंबाकू विरोधी कानून कड़े करेगी सरकार : हर्षवर्धन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि कैंसर के खिलाफ लड़ाई तेज करने के लिए सरकार तंबाकू विरोधी कानून को और कड़े करेगी ताकि तंबाकू उत्पादों की खपत पर काबू पाया जा सके। उन्होंने यहां पत्रकारों से बातचीत में बताया कि केंद्र में राजग सरकार बनने के बाद एक टास्क फोर्स बनाया गया था। उसने अपनी

By Edited By: Published: Fri, 19 Sep 2014 07:37 PM (IST)Updated: Fri, 19 Sep 2014 07:37 PM (IST)
तंबाकू विरोधी कानून कड़े करेगी सरकार : हर्षवर्धन

तिरुवनंतपुरम। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि कैंसर के खिलाफ लड़ाई तेज करने के लिए सरकार तंबाकू विरोधी कानून को और कड़े करेगी ताकि तंबाकू उत्पादों की खपत पर काबू पाया जा सके।

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उन्होंने यहां पत्रकारों से बातचीत में बताया कि केंद्र में राजग सरकार बनने के बाद एक टास्क फोर्स बनाया गया था। उसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में सिगरेट तथा अन्य तंबाकू उत्पाद (सीओटीपी) कानून को और सख्त बनाने के लिए कुछ अतिरिक्त उपाय सुझाए गए हैं।

वर्धन ने यहां क्षेत्रीय कैंसर केंद्र को उन्नत राज्य स्तरीय कैंसर संस्थान घोषित करते हुए कहा कि यह समय कैंसर के खिलाफ लड़ाई छेड़ने का है। इसके लिए कानून को कड़ा कर कैंसर पैदा करने वाले तंबाकू उत्पादों की खपत कम करना होगा।

उन्होंने कहा कि तंबाकू तथा शराब के खिलाफ लड़ाई का मतलब है मौत के खिलाफ लड़ाई। इसलिए मैं तंबाकू विरोधी कानूनों को और सख्त बनाने की जोरदार पैरवी करता हूं।'

उन्होंने कहा कि कैंसर समेत अन्य बीमारियों की शुरुआत में पहचान तथा उसकी रोकथाम के लिए एक बड़ा कार्यक्रम चलाया जाना है।

दुरुस्त होंगी ड्रग ट्रायल की खामियां

देश में ड्रग ट्रायल में कथित खामियों के बारे में पूछे जाने पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि यदि सिस्टम में कोई त्रुटि है तो उसे दुरस्त किया जाए। हालांकि उन्होंने कहा कि मैं सिस्टम में कोई ब़़डी समस्या नहीं देखता हूं, लेकिन उसे और बेहतर बनाने की संभावनाएं तो होती ही हैं।

कारों में सीट बेल्ट पर

कारों में सभी यात्रियों के लिए सीट बेल्ट अनिवार्य किए जाने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर हर्षवर्धन ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने सीट बेल्ट तथा हेलमेट को अनिवार्य बनाने समेत कई सिफारिशें भूतल परिवहन मंत्रालय से की हैं। उन्होंने कहा कि मेरे विचार में सड़क सुरक्षा के ये उपाय मजबूत किए जाने चाहिए। गोपीनाथ मुंडे यदि सीट बेल्ट बांधे होते तो शायद उनकी मौत नहीं होती। इसके साथ ही हल्के-फुल्के अंदाज में उन्होंने बताया कि लेकिन जिस कार से वह आए हैं, उसमें सीट बेल्ट नहीं है।

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