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अल्पसंख्यकों को दी नौकरियों का आंकड़ा जुटा रहा केंद्र

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अपनी अल्पसंख्यक विरोधी छवि को मिटाने में जुट गई है। यह दिखाने के लिए कि एक साल में कितने अल्पसंख्यकों को रोजगार मिला, केंद्र ने अपने सभी विभागों को इसके आंकड़े जुटाने के निर्देश दे दिए हैं। ये आंकड़े अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2015 08:37 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2015 09:21 PM (IST)
अल्पसंख्यकों को दी नौकरियों का आंकड़ा जुटा रहा केंद्र

नई दिल्ली।केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अपनी अल्पसंख्यक विरोधी छवि को मिटाने में जुट गई है। यह दिखाने के लिए कि एक साल में कितने अल्पसंख्यकों को रोजगार मिला, केंद्र ने अपने सभी विभागों को इसके आंकड़े जुटाने के निर्देश दे दिए हैं। ये आंकड़े अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा के तहत जुटाए जाएंगे।

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कार्मिक एवं प्रशिक्षण (डीओपीटी) विभाग ने केंद्र के सभी विभागों से अप्रैल 2014 से मार्च 2015 के दौरान अल्पसंख्यकों को दिए रोजगारों का ब्योरा देने को कहा है। डीओपीटी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, 'पिछले साल की तुलना में यदि अल्पसंख्यक समुदायों की नियुक्तियों में गिरावट आई है, तो इसके कारणों का भी उल्लेख किया जाए।'

विभागों से कहा गया है कि वे एक प्रोफार्मा में अपने अधीन काम करने वाले लोगों, पिछले एक साल के दौरान कुल कितने लोगों को रोजगार मिला तथा इस अवधि में कितने अल्पसंख्यकों ने नौकरी पाई, का अलग-अलग ब्योरा दें। साथ ही ए, बी व सी के कर्मचारियों की अलग-अलग जानकारियां देने की बात कही गई है।

डीओपीटी ने मंत्रालयों से एक अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2015 के बीच अल्पसंख्यकों को दिए रोजगार का आंकड़ा मांगने के साथ ही रेखांकित किया है कि इसमें मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी के अलावा जैन समुदाय को भी शामिल करना सुनिश्चित करें। डीओपीटी के आदेश के अनुसार, इस संबंध में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के लिए सार्वजनिक उद्यम विभाग आदेश जारी करेगा।

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