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केंद्र ने बताया, आदर्श सोसायटी के 93 फ्लैट अब भी बंद हैं

केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल ने रणजीत कुमार ने कहा 104 फ्लैटों में से 93 में ताला पड़ा है। केवल 11 फ्लैट खुले मिले और शीर्ष अदालत के आदेश के अनुसार उन्हें अधिकार में लिया गया।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sat, 01 Oct 2016 04:41 AM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2016 04:55 AM (IST)
केंद्र ने बताया, आदर्श सोसायटी के 93 फ्लैट अब भी बंद हैं

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि मुंबई में 28 मंजिलों वाले विवादित आदर्श कोआपरेटिव सोसायटी के 93 फ्लैटों में अभी तक ताला पड़ा है। इन बंद फ्लैटों के भीतर क्या है उसे इसकी जानकारी नहीं है।

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जस्टिस जे चेलमेश्वर और जस्टिस एएम सप्रे की पीठ ने आदर्श सोसायटी से बंद फ्लैटों के मालिकों को ताला खोलने के लिए पत्र लिखने को कहा। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल ने रणजीत कुमार ने कहा 104 फ्लैटों में से 93 में ताला पड़ा है। केवल 11 फ्लैट खुले मिले और शीर्ष अदालत के आदेश के अनुसार उन्हें अधिकार में लिया गया।

सॉलिसिटर जनरल ने कहा, 'हम नहीं जानते कि इन 93 फ्लैटों में क्या है और यदि कल को कोई आए और कहे कि वहां उसका सामान रखा है और क्षतिग्रस्त हो गया है तो हम जवाबदेह नहीं होंगे।'

आदर्श सोसायटी के वकील ने कहा कि परिसर में पड़े कुछ फर्नीचर और कुछ निर्माण सामग्री पड़ी है। ये सामान तीन अक्टूबर तक हटा लिए जाएंगे। जिन लोगों के 93 फ्लैट हैं उनके मालिकों को ताला खोलने के लिए पत्र लिखा जाएगा।

पढ़ेंः आदर्श सोसाइटी को गिराना कोई विकल्प नहींः संजय निरुपम

देश भर में शराबबंदी के लिए दायर याचिका नामंजूर

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने देश में पूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर दायर याचिका स्वीकार करने से मना कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह राज्य के क्षेत्र की नीति है। इसमें वह हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस एनवी रमाना की पीठ ने कहा कि संविधान में राष्ट्रीय शराब नीति को राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत के तहत रखा गया है। इस क्षेत्र में सभी अधिकार कार्यपालिका के पास हैं।

चुनाव आयोग के लिए पृथक काडर की मांग याचिका नामंजूर

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के लिए पृथक और स्थायी काडर तैयार करने का निर्देश देने की मांग को लेकर दायर पीआइएल मंजूर करने से मना कर दिया। याचिका में कहा गया था कि देश में निष्पक्ष और स्वच्छ चुनाव कराने के लिए पृथक काडर होना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर और जस्टिस एएम खानवीलकर ने याचिका दायर करने वाले वकील शिव कुमार त्रिपाठी को चुनाव आयोग से संपर्क करने को कहा।

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