दिल्ली को नए साल का तोहफा, नियमित होंगी 895 कॉलोनियां
दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राजग सरकार ने दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 60 लाख लोगों को नए साल का तोहफा दे दिया है। एक जून, 2014 तक बसाई गई 895 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राजग सरकार ने दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 60 लाख लोगों को नए साल का तोहफा दे दिया है। एक जून, 2014 तक बसाई गई 895 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट ने इस फैसले पर मंजूरी दे दी है। संभव है कि इस बाबत जल्द ही अध्यादेश आ सकता है। जाहिर है कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को एक अहम चुनावी हथियार मिल गया है।
कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना व प्रसारण व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि पूर्व संप्रग सरकार ने 31 मार्च, 2002 तक बसाई गई कॉलोनियों को नियमित करने का फैसला किया था। लेकिन अब एक जून, 2014 तक की सभी कॉलोनियों को नियमित किया जा रहा है। इससे 895 कॉलोनियों में रहने वाले 60 लाख लोगों को फायदा होगा। इन कॉलोनियों में रहने वालों को दिल्ली के विकास के लिए चलाई जाने वाली तमाम परियोजनाओं का लाभ मिल सकेगा। इन कॉलोनियों में ढांचागत सेवाओं का सही तरीके से विकास हो सकेगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या इन कॉलोनियों के लोगों को अब होम लोन मिल सकेगा तो उनका जवाब था कि 'जाहिर है जब नियमित हो जाएंगे तो लोन भी मिलेगा।' इस फैसले को लागू करने से संबंधित विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार करने का फैसला संबंधित एजेंसियां करेंगी।
माना जा रहा है कि राजग सरकार इस फैसले को अमली जामा पहनाने को लेकर अध्यादेश जारी करेगी। सनद रहे कि दिल्ली स्थित कॉलोनियों को लेकर राजग सरकार का यह पिछले कुछ दिनों में दूसरा फैसला है। संसद के हालिया शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) दूसरे संशोधन विधेयक-2014 को पारित करवाया था। इससे 1200 उन कॉलोनियों को राहत मिल गई जिन पर हटाने की तलवार लटकी हुई थी। इन कॉलोनियों को ढहाने का आदेश था लेकिन अब इन्हें तीन सालों तक हटाया नहीं जा सकेगा।
सोमवार को कैबिनेट के फैसले के बाद इनमें से 895 कॉलोनियां तो नियमित हो गई हैं। शेष कॉलोनियों के बारे में सरकार आगे फैसला करेगी। दिल्ली में पिछली बार कुछ सीटों से बहुमत से पीछे रही भाजपा जाहिर तौर पर इसके जरिये बढ़त हासिल करने की कोशिश करेगी।