आधार कार्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंची सरकार
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए आधार कार्ड पर पूर्व में दिए गए आदेश में बदलाव करने की मांग की है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में अपने आदेश कहा था कि आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है और किसी भी व्यक्ति को इस आधार पर किसी सरकारी योजना से वंचित नहीं किया जा सकता।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए आधार कार्ड पर पूर्व में दिए गए आदेश में बदलाव करने की मांग की है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में अपने आदेश में कहा था कि आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है और किसी भी व्यक्ति को इस आधार पर किसी सरकारी योजना से वंचित नहीं किया जा सकता।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार एलपीजी गैस सिलेंडर के लिए सब्सिडी उपलब्ध कराने सहित कई जन कल्याणकारी योजनाओं में आधार कार्ड को पहचान के लिए एक साक्ष्य के तौर पर लागू करना चाहती है।
सरकार ने ही हिलाई आधार की बुनियाद
सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पी. शतशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार को कहा कि वह आठ अक्टूबर को केंद्र सरकार की इस याचिका पर सुनवाई करेगी। सॉलिसिटर जनरल मोहन पराशरण ने न्यायालय के समक्ष यह मामला पेश किया।
आधार को कानूनी जामा पहनाने की तैयारी
गौरतलब है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आदेश दिया था कि कई सरकारी योजनाओं में लाभ हासिल करने के लिए आधार कार्ड आवश्यक नहीं है। इन योजनाओं में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून भी शामिल है। कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा था कि आधार कार्ड बनवाने का फैसला लोगों की इच्छा पर निर्भर है। उल्लेखनीय है कि हर नागरिक को पहचान देने वाला आधार कार्ड केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है।
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