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विकसित उप्र के लिए केंद्र ने लगाई निवेश की झड़ी

पिछले दो वर्षों के दौरान केंद्र सरकार ने उत्‍तर प्रदेश के विकास के लिए जबरदस्‍त धन बहाया है। इस दौरान सड़क, रेलवे, बिजली और संचार केे क्षेत्र में जबरदस्‍त काम हुआ है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 29 Apr 2016 08:46 PM (IST)Updated: Fri, 29 Apr 2016 09:48 PM (IST)
विकसित उप्र के लिए केंद्र ने लगाई निवेश की झड़ी

नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश का भाग्य बदलने के लिए सड़क, रेलवे, बिजली, संचार, पेट्रोलियम आदि क्षेत्रों में निवेश की झड़ी लगा दी है। दो वर्षो के दौरान राज्य में केंद्रीय परियोजनाओं के तहत जबरदस्त काम हुआ है।

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सड़कें:

6200 करोड़ रुपये की लागत से करीब 865 किमी राष्ट्रीय राजमार्गो का निर्माण हुआ है। इसमें इटावा-चकेरी, लखनऊ-रायबरेली, मुरादाबाद-बरेली, गाजियाबाद-अलीगढ़तथा रायबरेली-जौनपुर खंड शामिल हैं। दिल्ली के पास एनसीआर में ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे के 5700 करोड़ तथा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के 1700 करोड़ रुपये के ठेके दिए जा चुके हैं जबकि 18 हजार करोड़ रुपये से अधिक और 2100 किलोमीटर कुल लंबाई की 30 बड़ी परियोजनाओं के अगले वर्ष तक पूरा होने की आशा है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय अगले दो वर्षो में प्रदेश में 68 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगा।

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रेलवे:

उप्र तथा मप्र को जोड़ने वाली कुल 560 किलोमीटर लंबी गुना-इटावा और आगरा-मैनपुरी रेलवे लाइनें चालू हो चुकी हैं। आमान परिवर्तन को प्राथमिकता दी जा रही है। गोंडा-गोरखपुर लूप लाइन हाल ही में चालू हुई है। कासगंज, मथुरा, बरेली तथा रुहेलखंड को जोड़ने के लिए 3700 करोड़ रुपये और 1000 किमी लंबाई के आमान परिवर्तन कार्य किए गए हैं। गोंडा, भदोही, इलाहाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर जिलों को जोड़ने वाली लाइनों के उच्चीकरण के लिए केंद्र 4300 करोड़ खर्च कर रहा है। दिल्ली-आगरा के बीच उच्च गति की गतिमान ट्रेन चलाई गई है। 23 किमी लंबी लखनऊ मेट्रो रेल के पहले चरण को मंजूरी के साथ चालू वर्ष में 410 करोड़ देने का फैसला किया गया है। पूर्वी फ्रेट कॉरिडोर पूरा होने पर राज्य में निवेश बढ़ेगा।

गांवों में इंटरनेट:

प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया मिशन और भारत नेट प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण में राज्य की 14 हजार ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ने के लिए 1666 करोड़ की लागत से 18 हजार किमी ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाया जाएगा।

किफायती व बेहतर बिजली:

हाल में राज्य में 5,455 करोड़ लागत व 1,000 मेगावाट की दो ताप बिजली परियोजनाएं चालू हुई हैं। 5,120 मेगावाट की पांच अन्य परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। 22,386 करोड़ की इन परियोजनाओं पर अब तक 7,600 करोड़ खर्च हो चुके हैं।

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ट्रांसमिशन लाइनें:

राज्य में 12 हजार करोड़ की उच्च क्षमता ट्रांसमिशन परियोजनाएं चालू हो गई हैं जबकि बड़ी संख्या में ट्रांसमिशन लाइनें बिछाई जा रही हैं। इनमें कानपुर, अलीगढ़ व उरई में तीन 765/400 केवी सब स्टेशन तथा सहारनपुर में 400/200 केवी सब स्टेशन शामिल हैं। इनसे 10500 एमवीए ट्रांसमिशन क्षमता सृजित होगी।

जलविद्युत:

दर आधारित प्रतिस्पद्र्धात्मक बोली पर 850 करोड़ की तीन पनबिजली योजनाओं पर काम हो रहा है। बंुदेलखंड में 24 मेगावाट की धुकवन परियोजना के लिए एनएचपीसी ने 153 करोड़ दिए हैं, जबकि 156 करोड़ का निवेश टीएचडीसी करेगा।

दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना:

यूपी के लिए सर्वाधिक राशि आवंटित हुई है। 4500 करोड़ के कुल बजट में से 1237.66 करोड़ केवल यूपी को मिले हैं। बिजली विकास कोष के तहत सब स्टेशनों के सुधार के लिए 278 करोड़ केंद्र अनुदान देगा।

कोयला:

सोनभद्र की कृष्णशिला खदान प्रोजेक्ट का कार्य 750 करोड़ से पूरा हो गया है। घाटमपुर (कानपुर) में 14,500 करोड़ की लागत से 1980 मेगावाट का सुपर क्रिटिकल बिजली संयंत्र पूरा होने से एक हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।

उर्वरक इकाई:

गोरखपुर में 12.7 लाख एमटीपीए के उर्वरक कारखाने पर काम हो रहा है। इस पर 6000 करोड़ की लागत आएगी।

पेट्रोलियम व गैस:

गेल ने पाता (औरैया) में 4400 करोड़ का पेट्रोकेमिकल कांप्लेक्स पूरा कर लिया है। एचपीसीएल ने भी कानपुर-रेवाड़ी पाइपलाइन चालू कर दी है। इंडियन आयल मथुरा रिफाइनरी के विस्तार व विकास पर 10 हजार करोड़ खर्च कर रही है। औरैया में उप्र सरकार, गेल, एनटीपीसी व एमएसएमई के सहयोग से एकीकृत प्लास्टिक पार्क स्थापित हो रहा है।

लघु उद्योग:

छोटे व मझोले उद्योगों की मदद के लिए स्फूर्ति तथा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत 9000 इकाइयों को 310 करोड़ की मार्जिन राशि दी गई है। इससे 90 हजार लोगों को रोजगार मिला है। अगले साल 50 हजार लोगों को रोजगार के लिए 6500 परियोजनाओं के लिए 130 करोड़ दिए जाएंगे। फर्रुखाबाद, कानपुर व बरेली में 357 करोड़ की लागत से तीन एकीकृत टेक्सटाइल पार्क स्वीकृत किए गए हैं। इससे 20 हजार शिल्पकारों को रोजगार मिलेगा। वाराणसी में 280 करोड़ की लागत से व्यापार सुविधा केंद्र खुल रहा है। यहां मेगा हैंडलूम क्लस्टर 25 हजार बुनकरों को विभिन्न प्रकार की मदद दे रहा है।

शहरों का सुधार:

हेरिटेज सिटी डेवलपमेंट एंड ऑगमेंटेशन योजना के तहत वाराणसी को 90 करोड़ व मथुरा को 40 करोड़, जबकि अटल मिशन फॉर रीजुवनेशन एंड अर्बन ट्रांसफारमेशन (अमृत) के तहत राज्य को 1409 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।


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