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केन्द्र का SC में हलफनामा, भारत में लगेगा कॉमर्सियल सेरोगेसी पर बैन

भारत में अब कोई भी महिला विदेशियों के लिए किराए का कोख नहीं ले पाएगी। इसके लिए केन्द्र सरकार ने उच्चतम न्यायाल में हलफनामा दायकर कर अपनी मंशा साफ कर दी है। केन्द्र ने कहा है कि वे व्यावसायिक तौर पर होनेवाले सरोगेसी को बैन करेगी।

By Test3 Test3Edited By: Published: Wed, 28 Oct 2015 03:08 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2015 03:20 PM (IST)
केन्द्र का SC में हलफनामा, भारत में लगेगा कॉमर्सियल सेरोगेसी पर बैन

नई दिल्ली। भारत में अब कोई भी महिला विदेशियों के लिए किराए का कोख नहीं ले पाएगी। इसके लिए केन्द्र सरकार ने उच्चतम न्यायाल में हलफनामा दायकर कर अपनी मंशा साफ कर दी है। केन्द्र ने कहा है कि वे व्यावसायिक तौर पर होनेवाले सरोगेसी को बैन करेगी। इसके साथ ही, भारत में आकर कोई भी विदेशी दंपती यहां से किराए की कोख पर बच्चा नहीं ले सकेगा।

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गौरतलब है कि इससे पहले भारत में विदेशी दंपति के लिए सरोगेसी के जरिए माता-पिता बनने पर रोक को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने महिला आयोग की सिफारिश पर सहमति जताई थी।
क्या होती है सरोगेसी ?
सरोगेसी में तीन लोग शामिल होते हैं। कई दंपती संतान उत्पन्न करने में सक्षम होते हैं लेकिन पत्नी किसी मेडिकल कारण से मां नहीं बन सकती। कई मामलों महिला का एक उम्र के बाद मां बनना संभव नहीं होता है। ऐसे में वे तीसरी महिला का सहयोग लेते हैं। आईवीएफ तकनीक से दंपती के शुक्राणुओं से बना एंब्रियो तीसरी महिला की कोख में रखा जाता है। नौ माह बाद जन्म लेने वाली संतान का डीएनए दंपती का ही होता है।
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