कानूनी पचड़े में पड़ सकते हैं सूचना आयोग के फैसले
पिछले एक महीने से केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) विभिन्न मामलों में जो फैसले कर रहा है, वे कभी भी कानूनी पचड़ों में पड़ सकते हैं। यह स्थिति जल्द दूर होती भी दिखाई नहीं देती क्योंकि फिलहाल इसके प्रमुख की नियुक्ति को लेकर सरकार कोई पहल नहीं कर रही। मुख्य केंद्रीय सूचना आयुक्त को रिटायर हुए सोमवार को पूरा एक
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पिछले एक महीने से केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) विभिन्न मामलों में जो फैसले कर रहा है, वे कभी भी कानूनी पचड़ों में पड़ सकते हैं। यह स्थिति जल्द दूर होती भी दिखाई नहीं देती क्योंकि फिलहाल इसके प्रमुख की नियुक्ति को लेकर सरकार कोई पहल नहीं कर रही।
मुख्य केंद्रीय सूचना आयुक्त को रिटायर हुए सोमवार को पूरा एक महीना हो गया। इसके बावजूद केंद्र सरकार का कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) इस संबंध में कोई पहल नहीं कर रहा। एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं, 'इस बारे में कोई भी फैसला शीर्ष स्तर पर लिया जाना है। हमने संबंधित फाइल पर पहले ही बता दिया है कि इस पद की चयन समिति में नेता प्रतिपक्ष का होना जरूरी है।' अधिकारी के अनुसार अगर नेता प्रतिपक्ष की जगह सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को लिया जाना है तो इस बारे में निर्णय कानूनी राय लेकर ही किया जा सकता है।
जानकारों का कहना है कि बिना मुख्य सूचना आयुक्त के चल रहे आयोग के फैसलों को कानूनी रूप से कभी भी चुनौती दी जा सकती है। देश के पहले मुख्य सूचना आयुक्त रहे वजाहत हबीबुल्ला कहते हैं कि खुद कानून मंत्रालय ने उन्हें लिखित रूप से बताया था कि बिना मुखिया के आयोग के फैसलों को अदालत में चुनौती दी जा सकती है। वह कहते हैं कि आयोग की संरचना को देखते हुए इसके प्रमुख की भूमिका बहुत अहम हो जाती है। इस पद को खाली रखना पारदर्शिता कानून के हित में नहीं है।
आयोग के प्रमुख की गैर मौजूदगी व्यावहारिक रूप से भी काफी समस्या पैदा कर रही है। आयोग के कामकाज के बंटवारे में प्रधानमंत्री कार्यालय, राष्ट्रपति कार्यालय, संसद, सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग, कैबिनेट सचिवालय, सीबीआइ और सीवीसी जैसे अहम संस्थानों से संबंधित मामलों की सुनवाई की जिम्मेदारी मुख्य सूचना आयुक्त को ही दी गई है। ऐसे में इन संस्थानों से संबंधित अपीलें भी एक महीने से अटकी हुई हैं।
गत 22 अगस्त को राजीव माथुर मुख्य सूचना आयुक्त के पद से रिटायर हुए थे। हालांकि यह चर्चा पहले से ही चल रही थी कि अगले प्रमुख की नियुक्ति कैसे होगी, लेकिन इस पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। केंद्रीय सूचना आयोग में फिलहाल सात सूचना आयुक्त हैं।